बालोद : मुंबई फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े प्रसिद्ध पटकथा लेखक, फिल्म निर्माता और निर्देशक आकाशदित्य लामा ने हाल ही में बालोद के तांदुला रिसोर्ट का दौरा किया। उन्होंने इस खूबसूरत स्थान की प्राकृतिक सुंदरता और सुविधाओं की जमकर सराहना की। बोटिंग का आनंद लेते हुए उन्होंने कहा, “यह जगह न केवल सैर-सपाटे के लिए उपयुक्त है, बल्कि फिल्म निर्माण के लिए भी एक आदर्श स्थान साबित हो सकती है।”
आकाशदित्य लामा का फिल्मी सफर
भिलाई में पले-बढ़े आकाशदित्य ने मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बनाई है। उन्होंने कई लोकप्रिय टीवी सीरियल्स जैसे कुसुम, कुमकुम, एक राधा एक श्याम, और चंदा मामा दूर के की पटकथाएं लिखी हैं। सह-निर्देशक के रूप में उन्होंने अनिल शर्मा, प्रियदर्शन, और सूरज बड़जात्या जैसे दिग्गज निर्देशकों के साथ काम किया है।

फिल्मी दुनिया में अपने बेहतरीन योगदान के साथ-साथ उन्होंने रंगमंच में भी अपनी छाप छोड़ी है। उनका नाटक मोहनजोदड़ो दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। उनकी निर्देशित फिल्म नानी तेरी मोरनी (2018), जो नागालैंड की एक आदिवासी बालिका की वीरता पर आधारित थी, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित हुई।
छत्तीसगढ़ की धरती पर शूट हुई ‘बंगाल 1947’
आकाशदित्य लामा की लिखित और निर्देशित फिल्म बंगाल 1947 छत्तीसगढ़ की खूबसूरत लोकेशनों जैसे कवर्धा, भोरमदेव, गंडई, खैरागढ़ और पखांजूर में शूट की गई। यह फिल्म एक प्रेम कहानी पर आधारित है। इस फिल्म में स्थानीय कलाकार ओंकारदास मानिकपुरी, डॉ. योगेंद्र चौबे, सुरभि श्रीवास्तव और बाल कलाकार सहदेव ने शानदार अभिनय किया।
बालोद में कला और फिल्म निर्माण की संभावनाएं
तांदुला रिसोर्ट के दौरे के दौरान आकाशदित्य लामा ने बालोद में कला और फिल्म निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और यहां एक फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना होनी चाहिए।
उन्होंने रिसोर्ट की प्रशंसा करते हुए कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि बालोद में इतनी खूबसूरत जगह हो सकती है। यह स्थान फिल्म शूटिंग के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।”
