AC में Ton का अर्थ ठंडक की क्षमता से है न कि वजन से. दरअसल, यह इस बात का माप है कि AC एक घंटे में कितनी गर्मी को कमरे से बाहर निकाल सकता है. 1 Ton AC का मतलब होता है कि वह एक घंटे में लगभग 12,000 BTU (British Thermal Units) गर्मी निकाल सकता है.
BTU एक यूनिट होती है जो यह बताती है कि कितनी ऊर्जा की जरूरत है किसी चीज़ का तापमान घटाने या बढ़ाने में.
Ton शब्द की शुरुआत पुराने जमाने की बर्फ से ठंडक देने वाली विधि से हुई थी. पहले के समय में जब AC नहीं थे तब बड़े कमरों या थिएटरों में ठंडक के लिए बर्फ के टुकड़े रखे जाते थे. तब वैज्ञानिकों ने यह मापा कि एक टन बर्फ अगर 24 घंटे में पिघलती है तो वह जितनी ठंडक देती है, वही 1 Ton के बराबर है. आज भी इसी मापदंड का इस्तेमाल आधुनिक AC की कूलिंग क्षमता बताने के लिए किया जाता है.
AC का टन सीधे कमरे के आकार पर निर्भर करता है. अगर आपका कमरा छोटा है और आप उसमें 2 Ton का AC लगाते हैं तो बिजली की बर्बादी होगी. वहीं बड़ा कमरा है और उसमें 1 Ton AC लगा है तो वह ठीक से ठंडक नहीं दे पाएगा.
100-120 वर्ग फुट के कमरे के लिए 1 Ton AC पर्याप्त है. 150-180 वर्ग फुट के कमरे के लिए 1.5 Ton AC सही रहेगा. 200 वर्ग फुट से बड़े कमरे के लिए 2 Ton AC सबसे बेहतर रहेगा. साथ ही, कमरे में खिड़कियों की संख्या, सीधी धूप और मंज़िल (जैसे टॉप फ्लोर या ग्राउंड फ्लोर) का भी असर AC की क्षमता पर पड़ता है.
ज्यादा टन वाला एसी ज्यादा बिजली खपत करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जितनी अधिक कूलिंग क्षमता होगी उतनी ही बिजली की खपत भी बढ़ेगी. लेकिन आजकल के इन्वर्टर AC ऊर्जा की बचत करते हैं और कमरे के तापमान के हिसाब से कंप्रेसर की स्पीड कम या ज्यादा करते हैं जिससे बिजली का बिल कम आता है.
अब जब भी आप नया AC खरीदने जाएं तो सिर्फ ब्रांड या दिखावट नहीं बल्कि Ton यानी उसकी कूलिंग क्षमता पर भी ध्यान दें. यही तय करेगा कि आपका AC कितनी जल्दी कमरे को ठंडा करेगा और बिजली का बिल कितना आएगा.
Author: Deepak Mittal









