
उल्टी गिनती शुरू:प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रीयों को मिला था 15 दिन का समय
निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली
सरगांव-क्षेत्र में बड़ी बड़ी फैक्ट्रीयों के संचालन से नगर और आसपास परिक्षेत्रों में प्रदूषण की स्थिति बदतर हो चुकी है। लगातर मिलती शिकायतों और स्थिति की वास्तविकता को देखते हुए नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने 19 नवम्बर 2024 को कार्यालय नगर पंचायत सरगांव में समस्त संचालकों की उपस्थिति में विषय के सुधार हेतु एक बैठक आयोजित की गयी थी।
जंहा पर्यावरण विभाग, sdm, तहसीलदार , dsp सरगांव,थाना प्रभारी सरगांव, नगर पंचायत अध्यक्ष, cmo, पार्षदगण, पत्रकारबन्धु , आर आई, पटवारी, क्षेत्रीय जनप्रतिननिधियों, आदि की उपस्थिति में चर्चा की गई थी। बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित sdm पथरिया भरोसा राम ठाकुर ने 11 बिदुओं पे फैक्ट्री संचालकों से जवाब मांगा था और प्रदूषण के मामले में अपना अपना पल्ला झाड़ रहे संचालकों को सुधार हेतु 15 दिन का समय प्रदान किया गया था कि अगर इनके द्वारा 15 दिवस में कोई सुधार नही किया गया तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
प्रदूषण की मार झेल रहे नागरिकों ने इन्हें स्प्ष्ट कर दिया था कि अबकी बार कोई कोताही नही बरती जाएगी। 16 वे दिन उनके आक्रोश की ज्वाला असहनीय होकर फुट पड़ेगी। वे अपने और अपने परिवारजनों को इस प्रदूषण की आग में झोंकने नही देंगे।
पतन्तु फैक्ट्रियों को मिले इस समयावधि का आज 8 दिवस पूर्ण हो चुका हैं और अब तलक कोई भी सुधार नही दिख रहा सुधार तो दूर स्थिति पहले से और अधिक खराब हो रहा। दिन के समय से कंही अधिक रात को प्रदूषण का अपशिष्ट घरों को तरफ आता है जो सीधे सीधे रात को इन फैक्ट्रीयों द्वारा चिमनी जो टेम्परेरी लगी है बोल दिया जाता है को चालू किया जाता है।
लोगो की आंख पे पट्टी बांधने का इनका निरर्थक प्रयास अब काम नही आने वाला जनता जाग चुकी है। वे अब उल्टी गिनती गिनना आरम्भ कर चुके है। फैक्ट्रीयों के पास अब 7 दिन का समय सुधार को शेष है बाद निश्चित ही क्लेश का जन्म होकर रहेगा जिसके वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।


किस किस पे लगाओगे बेड़िया, फट रही एड़ियां
बड़ी बड़ी फैक्ट्रीयों के संचालक इस विषय को अपनी रसुखदारी के बल पे अनदेखा करते दिख रहे है। उन्हें लगता है कि पैसा के बल पर आवाज दबा दी जाएगी परंतु ये सम्भवतः भूल बन जाएगी। इन फैक्ट्रीयों से निकलने वाले काले धुंए से घरों और घर की छतों पे जमने वाले काले परत से आवाजाही के दौरान पैर की एड़ियां बुरी तरह फटने लगी है। जिससे लोगो का गुस्सा सातवे आसमान पे है।

एक एक आवाज़ मिलकर बचे 7 दिन पस्चात कितना बुलन्द हो सकते है अंदाजा लगाया नही जा सकता। जंजीरों में जकड़े देश की आज़ादी के लिए बेड़ियों को तोड़ देने वाले आज़ाद देश के जागरूक नागरिक निश्चित ही इस बार मौन नही रहेगी प्रदूषण से परेशान निजात न मिलने की स्थिति कंही फैक्ट्रियों को ही इस बार जंजीर में न जकड़ दे।
सफेद मोजे कर देगी बयां प्रदूषण का हाल

किसी भी प्रकार का प्रदूषण नही फैल रहा है का सफेद झूठ बोलते इन संचालकों के लिए सफेद मोजा ही काफी है। जो बेजुबान होकर भी इस प्रदूषण के हाल को बयां कर देता है। नवभारत टाइम्स इस विषय को बारीकी से आपके समक्ष रखता रहेगा बरहाल कालिख कितनी और कंहा पोती जा रही बचे 7 दिवस के बाद “दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी”।
ब्यूरो प्रमुख निर्मल अग्रवाल की कलम से…..
“बचा हुआ है दिवस 7 कर लीजिए सुधार….
जागरूक जनता और अधिक अब होगी न बीमार….
न कोई लेनदेन पैसों का न होगा कोई कारोबार….
मनाते थे ,मनाना चाहते सदा बच्चों संग छुट्टी का इतवार..”
