गरियाबंद : जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है। लगभग 25 लाख रुपए के फर्जी पेट्रोल बिलों को पास करने के मामले में वरिष्ठ सहायक विजेंद्र ध्रुव को निलंबित कर
दिया गया है।
यह कार्रवाई कलेक्टर बी.एस. उइके के निर्देश पर की गई है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि विभागीय वाहन CG-02-6140, जो लंबे समय से उपयोग में नहीं था, उसके नाम पर लगातार पेट्रोल की आपूर्ति दिखाई जाती रही और इसके बिल नियमित रूप से सरकारी खजाने से भुगतान किए जाते रहे।
तेल तो बहता रहा, पर वाहन था ही नहीं
स्वास्थ्य विभाग के अभिलेखों में दर्ज वाहन वर्षों से अनुपयोगी था, लेकिन रिकॉर्ड में इस वाहन के नाम पर जय लक्ष्मी पेट्रोल पंप से बड़े पैमाने पर पेट्रोल लिया जाना दर्शाया गया। कई बिल बिना सत्यापन और बिना वास्तविक उपभोग के सीधे पास किए गए।

सस्पेंशन की कार्रवाई, विभाग में मचा हड़कंप
जैसे ही घोटाले की जानकारी सामने आई, कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से विजेंद्र ध्रुव को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम-09 के तहत निलंबित कर दिया। उन्हें निलंबन अवधि में जिला मुख्यालय छुरा में उपस्थित रहने और नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता लेने के निर्देश दिए गए हैं।
कार्रवाई के बाद CMHO कार्यालय में भी आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है। कई कर्मचारियों से संबंधित अभिलेखों की समीक्षा की जा रही है, जिससे विभाग में हड़कंप की स्थिति है।
सूत्रों की मानें तो यह मामला केवल पेट्रोल तक सीमित नहीं है। मोबाइल बिल, वाहन मरम्मत, टायर रिप्लेसमेंट जैसे कई अन्य मदों में भी गड़बड़ियों की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने इन सभी मदों की जांच के संकेत दिए हैं।
कलेक्टर बी.एस. उइके ने स्पष्ट किया कि “सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही अनिवार्य है। ऐसे मामलों में शून्य सहिष्णुता नीति अपनाई जाएगी।”
