18 कत्ल करने वाला चंद्रकांत झा कौन, जानें क्राइम ब्रांच ने कैसे पकड़ा सीरियल किलर?

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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने पैरोल जंपर और सीरियल किलर चंद्रकांत झा को अरेस्ट किया है। झा को 2013 में आजीवन कारावास और मौत की सजा अलग-अलग मामलों में सुनाई गई थी।

तिहाड़ जेल के आसपास झा ने 18 मर्डर करने की बात कबूल की थी। उसे 2023 में 25 हजार के निजी मुचलके पर 90 दिनों की पैरोल मिली थी। इसके बाद वह फरार हो गया था। दोषी का क्राइम रिकॉर्ड काफी खतरनाक रहा है। झा पहले बेरहमी से मर्डर करता, इसके बाद लाश के टुकड़े करके जेल के आसपास फेंक देता था। पुलिस ने आरोपी पर 50 हजार का इनाम भी रखा था।

झा ने कबूल किया था कि वह 1998 से 2007 के बीच वेस्ट दिल्ली में 8 लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। चंद्रकांत पहले किसी शख्स से दोस्ती करता, इसके बाद कत्ल कर देता था। चंद्रकांत ने कबूल किया था कि 2003 में उसने शेखर और उमेश नाम के व्यक्ति की हत्या की थी। 2005 में गुड्डू, 2006 में अमित को शिकार बनाया। 2007 में उपेंद्र और दिलीप नाम के व्यक्ति का कत्ल किया था। उसके निशाने पर बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर थे, जिनसे पहले वह दोस्ती करता था। बाद में उनको नौकरी दिलाने का झांसा देकर मौत के घाट उतार देता था।

झा के जीवन पर बन चुकी डॉक्यूमेंट्री

हत्या के बाद दोषी झा बॉडी के टुकड़े-टुकड़े करके जेल के आसपास फेंक देता था। इसके अलावा सिर कटे शव के पास एक चिट्ठी छोड़ता था, जिस पर लिखा होता था कि मैंने हत्या की है, पकड़ सको तो पकड़ लो। दोषी झा पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया था। उसे कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया गया था। झा को फरवरी 2013 में मर्डर के 3 मामलों में मौत और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

2016 में उसकी मौत की सजा आजीवन कारावास में बदल गई थी। झा के ऊपर जुलाई 2022 में नेटफ्लिक्स पर एक डॉक्यूमेंट्री भी रिलीज हो चुकी है। उसका नाम इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ दिल्ली था। चंद्रकांत दिल्ली के बाजारों में फेरी लगाने का काम करता था। उसकी दो शादियां हुई थीं। पहली पत्नी को उसने एक साल बाद ही छोड़ दिया था। दूसरी बीवी से उसकी 5 बेटियां हैं। वह अपने परिवार से दूर रहता था।

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Author: Deepak Mittal

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