राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में शीतलहर असर देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही कई राज्यों में शीतलहर का दौर शुरू हो गया है, जिसके कारण कंपकंपी महसूस होने लगी है. मौसम विभाग (IMD) की मानें तो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है और मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप है.
आईएमडी के अनुसार, दिल्ली के कुछ हिस्सों में कोहरे की एक पतली परत छाई रही और न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है. आज, 15 दिसंबर, 2024 को सुबह 8.30 बजे सफदरजंग में न्यूनतम तापमान 4.9 और पालम में न्यूनतम तापमान 6.2 दर्ज किया गया है.
आगे के दिनों में तापमान का अनुमान
उत्तर भारत के पहाड़ों से पश्चिमी विक्षोभ गुजर चुका है. इन मौसम प्रणालियों के गुजरने के बाद आमतौर पर मैदानी इलाकों, खासकर दिल्ली में रात के तापमान में गिरावट होती है. पूरे दिल्ली में रात का न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. दिल्ली में पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाओं ने ठंडक बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने 14 दिसंबर को दिल्ली में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है. वहीं, इस पूरे सप्ताह सुबह के समय धुंध छाई रहेगी और गुनगुनी धूप निकलेगी. IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 22 से 23 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 6 से 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि
अगले 24 घंटों के दौरान, तमिलनाडु, केरल और दक्षिण कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है. आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. राजस्थान के कुछ हिस्सों में शीत लहर की स्थिति संभव है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में जमीन पर पाला पड़ने की संभावना है. मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्थानों में 15 दिसंबर को शीतलहर से भीषण शीतलहर की स्थिति होने की संभावना है.
AQI में हो रहा सुधार
मौजूदा साल 2024 के दौरान, वायु गुणवत्ता के मामले में 2018 के बाद सबसे अच्छा रहा है. 14 दिसंबर 2024 तक, पूरे साल में ‘अच्छा से मध्यम’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 207 तक पहुंच गई है, जो कि 2018 के बाद से सबसे अधिक है, हालांकि 2020, जो कि महामारी का साल उसमें और क्वालिटी इस से बेहतर रही थी. इस साल दिसंबर 2024 में 14 दिसंबर तक ‘मध्यम’ एक्यूआई वाले दिनों की संख्या भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, जो कि कुल 6 दिन है. इसके विपरीत, 2018, 2019 और 2020 में केवल 1 ही दिन ‘मध्यम’ एक्यूआई दर्ज किया गया था. वर्ष 2021 और 2023 में ऐसा कोई दिन नहीं था और 2022 में केवल 2 दिन ऐसे दर्ज हुए थे.
दिसंबर महीने में ‘खराब से गंभीर’ एक्यूआई वाले दिनों की संख्या भी इस वर्ष 2018 के बाद से सबसे कम है. इस वर्ष दिसंबर में केवल 8 दिन ऐसे रहे. यह एक सकारात्मक संकेत है जो वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में बढ़ती जागरूकता और उपायों की सफलता को दर्शाता है. इसके अलावा, दिसंबर महीने (14 दिसंबर तक) के लिए औसत एक्यूआई 234 दर्ज किया गया है, जो कि 2018 के बाद से सबसे कम है. आमतौर पर इस अवधि के दौरान एक्यूआई ‘300-400’ की सीमा में होता था, जो कि ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है.
