आजकल ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। वजह साफ है यहां लंबे समय में 12 से 14% तक का अनुमानित रिटर्न मिल सकता है। लेकिन निवेश करने का तरीका हर किसी के लिए अलग होता है।
कुछ लोग हर महीने SIP (Systematic Investment Plan) करते हैं, तो कुछ निवेशक एक बार में बड़ी रकम डालना यानी लमसम निवेश चुनते हैं। अब बड़ा सवाल है कि दोनों में से ज्यादा फायदा किसमें मिलता है? आइए कैलकुलेशन के जरिए समझते हैं।
SIP का कैलकुलेशन
अगर आप हर महीने ₹7,000 की SIP करते हैं, तो 10 साल में आपकी कुल निवेश राशि ₹8,40,000 होगी। 12% रिटर्न मानकर चलें तो यह रकम बढ़कर लगभग ₹16.26 लाख हो जाएगी। यानी आपको करीब ₹7.86 लाख का फायदा मिलेगा।
- मान लीजिए कोई निवेशक हर महीने ₹7000 की SIP करता है।
- निवेश राशि: ₹7000 प्रति माह
- अवधि: 10 साल
- अनुमानित रिटर्न: 12%
10 साल में निवेशक कुल ₹8.40 लाख लगाएगा। कंपाउंडिंग की ताकत से 12% रिटर्न पर यह रकम लगभग ₹16.26 लाख हो जाएगी। यानी निवेशक को करीब ₹7.86 लाख का मुनाफा मिलेगा।
लमसम का कैलकुलेशन
वहीं अगर आप एकमुश्त ₹1 लाख का लमसम निवेश करते हैं और उसे 10 साल तक 12% रिटर्न पर छोड़ते हैं, तो यह बढ़कर लगभग ₹3.10 लाख हो जाएगा। यानी आपको करीब ₹2.10 लाख का मुनाफा मिलेगा।
- अब मान लीजिए कोई निवेशक शुरुआत में ही एकमुश्त ₹1 लाख का लमसम निवेश करता है।
- निवेश राशि: ₹1 लाख
- अवधि: 10 साल
- अनुमानित रिटर्न: 12%
10 साल बाद यह रकम बढ़कर लगभग ₹3.10 लाख हो जाएगी। यानी निवेशक को करीब ₹2 लाख से ज्यादा का मुनाफा मिलेगा।
किसमें ज्यादा फायदा?
इन दोनों कैलकुलेशन की तुलना करें तो साफ नजर आता है कि लमसम निवेश से SIP की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है। हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि लमसम में पूरा पैसा एक बार में लगाना पड़ता है, और अगर निवेश के समय बाजार नीचे की ओर है तो रिस्क ज्यादा हो सकता है। दूसरी ओर, SIP में धीरे-धीरे पैसा निवेश किया जाता है, जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव का असर औसत हो जाता है और रिस्क कम हो जाता है।
अगर आपके पास एकमुश्त बड़ी रकम उपलब्ध है और आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने का जोखिम उठा सकते हैं, तो लमसम निवेश ज्यादा रिटर्न देगा। लेकिन अगर आप नियमित इनकम से धीरे-धीरे पैसा लगाना चाहते हैं और रिस्क को बैलेंस में रखना चाहते हैं, तो SIP आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

Author: Deepak Mittal
