
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी
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कतर अदालत ने गुरुवार को उन आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को राहत दी है, जिन्हें अक्तूबर में एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कतर की अपीलीय अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों की मौत की सजा पर रोक लगा दी है, पिछले साल दहरा ग्लोबल मामले में गिरफ्तार किया गया था। साथ ही कहा कि सजा को अब जेल की शर्तों में बदल दिया गया है। फैसले से जुड़ी जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपीलीय अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मामले में विस्तृत फैसले का इंतजार है। वह कतर में कानूनी टीम के साथ संपर्क में हैं। इस पर पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने प्रतिक्रिया दी हैं।
उम्मीद है सभी भारत वापस लौट आएंगे- अनिल त्रिगुणायत
कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा पर पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं, कतर और भारत के संबंध बहुत मजबूत, पारस्परित रूप से लाभकारी रहे हैं, लेकिन इस मामले ने रिश्ते में कड़वाहट पैदा की हैं। आठ नौसेनिकों की सजा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा खबर है कि अपील अदालत ने उनकी सजा को कम कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि उन्हें जल्द रिहा भी किया जाएगा।
#WATCH | On death penalty to 8 ex-Indian Navy personnel in Qatar, Anil Trigunayat, a Former Diplomat says, “You know, Qatar and India relations have been very strong, sturdy and mutually beneficial. Unfortunately, this is an irritant in the relationship as far as the detention… pic.twitter.com/3qaUenq24Q
— ANI (@ANI) December 28, 2023
भारत और कतर के गहरे संबंध- त्रिगुणायत
मामले पर बोलते हुए अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि हमें उम्मीद है दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को देखते हुए उन्हें जल्द से जल्द स्वदेश लौटाया जाएगा। हमारा देश कतर के कानून का भी सम्मान करता है और मुझे पूरा यकीन है कि वे ऐसा करेंगे। पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि जब मैं हाल ही में कतर की अपनी यात्रा में गया, तो मैंने देखा कि कतर के साथ भारत के संबंध काफी अच्छे हैं। ये संबंध उनके लिए भी उतना महत्व रखते हैं, जितना हमारे लिए हैं।
