यूरोपीय यूनियन के कानूनों के अनुसार, हर यूजर को अपने डेटा को डाउनलोड करने और एक्सेस करने का अधिकार होना चाहिए. लेकिन रिपोर्ट में बताया गया है कि TikTok, AliExpress और WeChat जैसे ऐप्स यह सुविधा नहीं दे रहे हैं.
इससे यह स्पष्ट होता है कि ये कंपनियां यूरोपीय नियमों का पालन नहीं कर रहीं जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. नोयब का कहना है कि ये ऐप्स यूजर्स से बड़ी मात्रा में निजी जानकारी इकट्ठा करते हैं लेकिन उन्हें अपने ही डेटा तक पहुंचने का विकल्प नहीं देते.
नोयब ने जिन छह चीनी कंपनियों के खिलाफ शिकायत की है उन पर यह भी आरोप है कि वे अवैध रूप से यूजर्स का डेटा चीन भेज रही हैं. अगर ये आरोप साबित होते हैं, तो यह गंभीर मामला बन सकता है क्योंकि यह यूरोपीय संघ की सख्त डेटा प्रोटेक्शन नीति का सीधा उल्लंघन होगा. नोयब इससे पहले Apple और Google की पैरेंट कंपनी Alphabet जैसी अमेरिकी टेक दिग्गजों के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही कर चुका है.
भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों के चलते 2020 में TikTok सहित कई चीनी ऐप्स को देश में प्रतिबंधित कर दिया था. यह कदम डेटा सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया था.
अब जब यूरोप में भी ऐसे ही आरोप उभर कर आ रहे हैं तो संभावना है कि वहां भी इन ऐप्स पर प्रतिबंध लग सकता है. यूजर्स की जानकारी की सुरक्षा आज के डिजिटल दौर में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है.

Author: Deepak Mittal
