देश की सुरक्षा प्रणाली में नया इतिहास रचने वाली महिला का नाम है इंस्पेक्टर अदासो कापेसा. मणिपुर की रहने वाली अदासो हाल ही में उस वक्त सुर्खियों में आईं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी एक तस्वीर वायरल हुई. यह कोई आम तस्वीर नहीं थी, क्योंकि वह देश की सबसे खास सुरक्षा इकाई SPG (Special Protection Group) की वर्दी में थीं और वो भी एक महिला कमांडो के तौर पर.
अदासो कापेसा, प्रधानमंत्री की सुरक्षा में शामिल होने वाली पहली महिला SPG कमांडो बनी हैं. यह केवल उनके लिए नहीं बल्कि पूरे देश की महिलाओं और खासकर पूर्वोत्तर राज्यों की बेटियों के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण है.
SPG क्या है?
SPG यानी विशेष सुरक्षा समूह (Special Protection Group) भारत के प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए बनी एक विशिष्ट सुरक्षा इकाई है. यह यूनिट केंद्र सरकार के अधीन काम करती है और इसके कमांडोज को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. इस यूनिट में शामिल होना बेहद कठिन होता है, क्योंकि इसमें मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर परिक्षण होते हैं.
अदासो का सफर
अदासो कापेसा मणिपुर के सिनेपाटी जिले के एक छोटे से गांव “काइबी” से ताल्लुक रखती हैं. वह माओ नागा जनजाति से हैं. पढ़ाई के बाद उन्होंने SSB (सशस्त्र सीमा बल) जॉइन किया और पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) की 55वीं बटालियन में कार्यरत रहीं. यहीं से उनका सफर SPG तक पहुंचा. उन्होंने ना सिर्फ अपने साहस से बल्कि अनुशासन और मेहनत से खुद को साबित किया.
कैसे बनते हैं SPG कमांडो?
SPG में सीधे भर्ती नहीं होती. इसमें उन्हीं को लिया जाता है जो पहले से किसी अर्धसैनिक बल जैसे CRPF, CISF, SSB या ITBP में कार्यरत हों. चयन के बाद उन्हें खास प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें हथियारों की ट्रेनिंग, मार्शल आर्ट, बम डिफ्यूजिंग, गुप्त मिशन और मानसिक मजबूती जैसे विषय शामिल होते हैं.
कितनी होती है SPG कमांडो की सैलरी?
रिपोर्ट्स के अनुसार SPG कमांडो को आकर्षक वेतन और भत्ते दिए जाते हैं. उनकी मासिक सैलरी 84,000 से शुरू होकर 2.4 लाख तक जा सकती है. इसके अलावा उन्हें विशेष जोखिम भत्ता, ड्रेस अलाउंस, ट्रेवल भत्ता और स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिलती हैं.

Author: Deepak Mittal
