
बिलासपुर : कलेक्टर अवनीश शरण ने गुरुवार को कोटा विकासखण्ड के दूरस्थ मलेरिया प्रभावित इलाकों का दौरा किया। चार घंटे तक चले इस दौरे में उन्होंने कुरदर, छुईहा, टेंगनमाड़ा समेत कई गांवों का निरीक्षण किया। बारिश के कारण कीचड़ और दलदल से भरी छुईहा और चिखलाडबरी की सड़कों पर बाइक से यात्रा कर हालात का जायजा लिया।
कलेक्टर ने पाया कि यहां चार पहिया वाहन नहीं आ सकते, जिससे मरीजों और आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने सड़कों को दो दिनों में सुधारने के निर्देश दिए ताकि आवागमन सुचारू हो सके। कुरदर में मलेरिया चौपाल लगाकर स्थिति की समीक्षा की और स्वयं मितानिन से मलेरिया जांच कराई। उनके साथ एसडीएम युगल किशोर उर्वशा और स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम मौजूद थी।
मलेरिया प्रभावित इलाकों का गहन निरीक्षण
कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटा ब्लाक के मलेरिया पीड़ित क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया और ग्रामीणों और स्वास्थ्य कर्मियों से जानकारी ली। कुरदर के सरपंच राजकुमार पैंकरा से चर्चा की और रोज शाम को जनचौपाल लगाकर जागरूकता बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने एक बाइक एंबुलेंस को कुरदर में चौबीसों घंटे तैनात रखने के निर्देश दिए और सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को मुख्यालय में रहने को कहा। साथ ही, केंदा अस्पताल को एक 108 एंबुलेंस उपलब्ध कराने को कहा और पानी एवं बिजली की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए।
आरडी किट से मलेरिया की जांच
कलेक्टर ने टेंगनमाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया, जहां हाल ही में करवा ग्राम के एक ही परिवार के दो बच्चों की मलेरिया से मौत की पुष्टि हुई थी। उन्होंने डायरिया और मलेरिया को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए और प्रभावित क्षेत्रों का पूरा सर्वेक्षण करने को कहा। आरडी किट से मलेरिया की जांच करने और फेल्सिफेरम मलेरिया की पुष्टि होने पर मरीज को जिला अस्पताल या सिम्स में भर्ती के लिए रेफर करने को कहा।
बच्चों को करें जागरूक
कलेक्टर ने स्कूलों में प्रार्थना के बाद बच्चों को डायरिया और मलेरिया से बचाव के उपाय बताने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि दवा लेने के बाद भी इसका सेवन नहीं करने की सूचना मिली है, ऐसे में मरीजों के घर का फोन नंबर लेकर उनकी निगरानी की जाए और इसके लिए एक अलग कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए।
इस दौरे से कलेक्टर ने क्षेत्र की समस्याओं को गहराई से समझा और उनके समाधान के लिए त्वरित कदम उठाए।
