विश्व आदिवासी दिवस पर दल्लीराजहरा में उमड़ा जन सैलाब, पारंपरिक नृत्यों और वाद्ययंत्रों से गूंज उठा शहर

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दल्लीराजहरा,,विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शनिवार को दल्लीराजहरा शहर में अद्भुत उत्साह और जोश देखने को मिला। शहर की गलियां और चौक-चौराहे पारंपरिक आदिवासी नृत्यों, लोकगीतों और ढोल-नगाड़ों की गूंज से जीवंत हो उठीं। सुबह से ही आदिवासी समाज के लोग रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर एकत्र हुए और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हुए नगर भ्रमण किया।


पारंपरिक वाद्ययंत्र मांदर, नगाड़ा, बांसुरी, और थाली की मधुर ध्वनियों के साथ युवा, वृद्ध और महिलाएं सामूहिक नृत्य में शामिल होकर अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव का संदेश दे रहे थे। शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए जुलूस ने नगर भ्रमण किया, जहां स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया।


इस अवसर पर मंचीय कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिसमें आदिवासी जीवन, संस्कृति और परंपराओं पर आधारित गीत, नृत्य और नाटकों ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने आदिवासी समाज की गौरवशाली परंपराओं, प्रकृति संरक्षण के प्रति उनकी संवेदनशीलता और सामाजिक एकजुटता पर प्रकाश डाला।


विश्व आदिवासी दिवस का यह भव्य आयोजन न केवल सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि यह समाज के इतिहास, परंपरा और पहचान को गर्व के साथ प्रस्तुत करने का अवसर भी बना। पूरे दिन शहर उत्सवमय माहौल में डूबा रहा और आदिवासी समाज की रंगत ने दल्लीराजहरा को अपनी संस्कृति के रंगों में सराबोर कर दिया।

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Author: Deepak Mittal

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