जे के मिश्र,
जिला ब्यूरो चीफ,
नवभारत टाइम्स, 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGU) से एक नया विवाद सामने आया है, जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के कैंप में शामिल कुछ छात्रों ने जबरन धार्मिक प्रथा में भाग लेने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगाया है। छात्रों ने इस संबंध में कोनी थाना पुलिस को लिखित शिकायत सौंपी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह NSS कैंप 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक आयोजित हुआ था, जिसमें कुल 159 छात्र-छात्राएं भाग ले रहे थे। आरोप है कि 30 मार्च को ईद के अवसर पर शिविर में सभी प्रतिभागियों को नमाज़ अदा करने के लिए कहा गया, जबकि मुस्लिम समुदाय से केवल 4 छात्र ही मौजूद थे। शेष प्रतिभागियों में अधिकांश हिंदू धर्म के छात्र थे, जिन्हें कथित तौर पर इसके लिए बाध्य किया गया।
छात्रों ने विश्वविद्यालय के NSS समन्वयक और कार्यक्रम अधिकारी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने धार्मिक अभ्यास को अनिवार्य रूप से लागू किया और जब कुछ छात्रों ने आपत्ति जताई, तो उन्हें चुप रहने के लिए कहा गया। इससे शिविर में मौजूद कई छात्रों ने असहजता महसूस की और इस विषय को गंभीर मानते हुए पुलिस में शिकायत की।
छात्रों की इस शिकायत को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है, लेकिन यह मामला संवेदनशील और चर्चा का विषय बन चुका है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच और विश्वविद्यालय प्रबंधन इस पर क्या रुख अपनाते हैं। मामला छात्रों की धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत आस्था से जुड़ा है, जिसे लेकर विद्यार्थियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।
