
निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली : सरगांव-समाज में शिक्षक की भूमिका अहम है. शिक्षक, बच्चों के भविष्य को आकार देते हैं और समाज के लिए कई तरह से योगदान देते हैं।
शिक्षाकर्मी से शिक्षक बन हर बात पर आंदोलन कर के सरकार से अपनी मांग मनवाने वाले शिक्षक अपने अधिकारों के प्रति काफी सजग रहते हैं।
परन्तु जब बात कर्तव्य को पूरा करने की आती है तब वे अपनी जिम्मेदारी से भागे जा रहे हैं।
कुछ ऐसा ही ताजा मामला है पथरिया विकास खंड के सरगांव क्षेत्र का जहां जब सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने स्कुलो में आकस्मिक निरीक्षण किया तो पता चला शिक्षक शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
जिसमे प्रातः 8:00 बजे प्राथमिक शाला रामबोड, 8:30 में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला रामबोड, 9:00 बजे प्राथमिक शाला टिकट पेंड्री, 9:30 बजे शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला टिकट पेंड्री का निरीक्षण किया।
*पहला मामला*: निरीक्षण के दौरान शासकीय प्राथमिक शाला रामबोड के प्रधान पाठक प्रमोद कुमार राजपूत बिना किसी सूचना के तीन दिन तक लगातार अनुपस्थित पाए गए।
*दूसरा मामला*: शा०प्रा०शा० रामबोड़ विकास खण्ड-पथरिया के सहा. शिक्षक नारायण प्रसाद टण्डन सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण के दौरान दिनांक 25.09.2024 को बिना किसी सूचना के संस्था में अनुपस्थित पाए गए।
*तीसरा मामला*: प्रधान पाठक एवं स्टॉफ शा०प्रा०शा०टिकैतपेण्ड्री विकास खण्ड-पथरिया का है। ग्राम पंचायत टिकैतपेण्ड्री के ग्रामीणों से प्राप्त वाट्सअप फोटोग्राफी में दिनांक 25.09.2024 को समय में कोई भी शिक्षक उपस्थित नही रहने के कारण विद्यार्थियों द्वारा ही प्रार्थना कराया गया। ग्रामीणों के द्वारा पूर्व में भी संस्था के शिक्षकों की समय पर उपस्थित नही होने की मौखिक सूचना दी जा चुकी है।
इस प्रकार का कृत्य कार्य के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता हैl शासकीय प्राथमिक शाला टिकट पेंड्री एवं शा पूर्व माध्यमिक शाला टिकट पेंड्री और शासकीय प्राथमिक शाला रामबोड के शिक्षकों का शाला में समय पर उपस्थित नहीं होने का ग्रामीणों द्वारा शिकायत किया गया था।

उक्त विषय पर कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी पथरिया से सम्बंधित शिक्षक व स्कूल के प्रधानपाठक को नोटिस जारी किया गया है। इस संबंध में तीन दिवस के भीतर अपना उचित संतोष जनक जवाब अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत करें अन्यथा आपका अनुपस्थित तिथि का वेतन रोकने सहित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।

ज्ञात हो कि शिक्षक अपने बच्चों को खुद प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते हैं साथ ही कई शिक्षक तो अपने पदस्थापना वाले क्षेत्र में स्वयं प्राइवेट स्कूल संचालित कर रहे हैं इस स्थिति में केवल शिक्षक की नौकरी वेतन लेने के लिए कर रहे हैं।

रही बात बीईओ कार्यालय के द्वारा जारी नोटिस की तो पूर्व में जारी सैकड़ों नोटिस की तरह उसे भी आकाओं से फोन कराके या लेनदेन करके मामले को दबा दिया जाएगा। आवश्य्कता है शिक्षा व्यवस्था के उचित सुधार हेतु उच्च स्तरीय जांच और कड़ी कार्यवाही का ताकि भविष्य में ऐसे कृत्य जड़ न जमा पाएं बीईओ कार्यालय द्वारा
जांच और कार्यवाही की गति इतनी है कि गर्मी फसल का उपजा चांवल खाते खाते अगले फसल का चांवल उपज चुका होता है।
