जंगल में कत्लेआम: ढोर्रीठेमा में 22 वन्यजीवों की निर्मम हत्या, तीन शिकारी हथियारों सहित गिरफ्तार!
वन विभाग की सख्त कार्रवाई, दो बंदूकें, मोटरसाइकिल और पक्षियों की लाशों के साथ पकड़े गए दरिंदे… वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई शुरू
दल्लीराजहरा/डौंडी/ढोर्रीठेमा:,डौण्डी वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम ढोर्रीठेमा के जंगलों में वन्यजीवों की हत्या का खौफनाक खुलासा हुआ है। वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को रंगेहाथ पकड़ा, जो 22 निर्दोष वन्यजीवों की हत्या कर जंगल से लौट रहे थे। इन शिकारियों के पास से दो देशी बंदूकें और एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है, जिसका उपयोग वे शिकार के लिए कर रहे थे।
वन्यजीव नहीं, मानो निशाने पर थी जंगल की शांति!
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम हैं —
हेमलाल (उम्र 40 वर्ष)
विजय कुमार उसेंडी (उम्र 20 वर्ष)
इशांत कुमार उसेंडी (उम्र 18 वर्ष)
तीनों आरोपी मथेना गांव के रहने वाले हैं।
वन विभाग की टीम ने जब घेराबंदी कर इन्हें पकड़ा, तो इनके कब्जे से 15 पड़की (छोटे पक्षी), 1 बाज, 3 हरील, 1 बटेर और 2 गिलहरियों की मृत लाशें बरामद की गईं।
इन निर्मम हत्याओं की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हो चुकी है।
वन विभाग ने दिया सख्त संदेश: जंगल के हत्यारों को नहीं बख्शा जाएगा
वन विभाग ने साफ कहा है कि वन्यजीवों के खिलाफ अपराध किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इन शिकारियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
लागू धाराएं और संभावित सजा:
धारा 9 (शिकार पर प्रतिबंध)
धारा 51 (अपराध के लिए सजा — तीन साल से सात साल तक कारावास और जुर्माना)
धारा 27, 29, 35 (संरक्षित क्षेत्रों में अपराध)
यदि मामला अनुसूचित प्रजातियों से जुड़ा हो, तो सजा और भी कड़ी हो सकती है।
सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
इतनी बड़ी संख्या में वन्यजीवों का एक साथ शिकार क्या विभागीय लापरवाही का नतीजा नहीं?
क्या इस क्षेत्र में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं, जिन्हें दबा दिया गया,,,
जनता और सामाजिक संगठनों की मांग:
इन दरिंदों को त्वरित न्याय के तहत सख्त सजा दी जाए और ऐसे मामलों में पुख्ता निगरानी और पेट्रोलिंग सुनिश्चित हो।
