सैलाना का आदर्श एकलव्य मॉडल स्कूल के विद्यार्थी पैदल चलकर कलेक्टर से मिलने निकल गए स्कूल से
रतलाम से रिपोर्ट इमरान खान
रतलाम आगे-आगे पैदल चल रहे स्कूली विद्यार्थी ओर पीछे-पीछे विद्यार्थियों को मनाने के लिए अधिकारियों का कफिला देखने को मिला। फिर भी विद्यार्थी अधिकारियों की एक बात ना सुनकर जिला कलेक्टर साहब से मिलने का ठानकर रतलाम की ओर पैदल ही निकल पड़े।
विद्यार्थियों को पैदल चलता देख वहां से गुजरने वाले चार पहिया वाहन चालक, बस चालक व दो पहिया वाहन चालक यह नजारा देखक हैरान हो गए। जानकारी मिलते ही आनंद- फानन में रतलाम जिला कलेक्टर राजेश बाथम जनसुनवाई छोड़कर आधे रास्ते विद्यार्थियों से मिलने के लिए पहुंचे और उनकी समस्या जानी।
मंगलवार को सैलाना नगर का आदर्श एकलव्य मॉडल स्कूल के कक्षा दसवी, ग्यारहवीं व बारहवीं के लगभग 90 विद्यार्थी हास्टल की विभिन्न समस्याओं को लेकर रतलाम जिला कलेक्टर राजेश बाथम से मिलने व समस्याएं अवगत करवाने के लिए पैदल ही निकल पड़े। स्कूल प्रशासन ने उनको लाख समझाया पर वे नही माने। छात्रो का कहना था कि कई बार प्राचार्य को अवगत करवा दिया। लेकिन सिर्फ कोरा आश्वासन मिलता है। स्कूल के प्राचार्य नरेन्द्र कुमार गंगवाल ने इसकी सूचना एसडीएम और एसडीओपी को दी।

खबर मिलते ही एसडीएम मनीष जैन, एसडीपीओ नीलम बघेल भी रास्ते मे बच्चो को समझाने पहुंचे। लेकिन इस बार उन्होंने कलेक्टर से मिलने की ठान ही रखी थी। सभी बच्चे कतारबद्ध होकर तेज चाल में डेलनपुर गांव तक पहुंच गए थे। जब हॉस्टल के बच्चे सैलाना से लगभग 15 किलोमीटर दूर पैदल चलकर डेलनपुर पहुंचे तो उधर रतलाम जिला कलेक्टर राजेश बाथम ओर जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव जनसुनवाई छोडकर खुद डेलनपुर गांव तक पहुंचे और सभी बच्चों को रोककर बच्चों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली।विद्यार्थियो ने बताया कि हॉस्टल में शौचालयों में गंदगी, पंखे और लाइट बंद, गणवेश न मिलने जैसी समस्याओं को बताई।
बच्चों का कहना था कि उन्होंने गत सत्र भी हम पैदल आप से मिलने आ रहे थे। तब एसडीएम मनीष जैन साहब के समझाने पर हम बीच रास्ते से ही लोटकर स्कूल के सामने धरना दिया था। उस समय विधायक कमलेश्वर डोडियार भी आये थे और आदिमजाति कल्याण विभाग की सहायुक्त रंजना सिंह भी मौके पर पहुंची थी।

तब स्कूल प्रशासन ने लिखित मे दिया था की सभी काम करेंगे लेकिन दो-चार कार्यो को छोड़कर कोई काम नही हुए। कलेक्टर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गणवेश की राशि सभी बच्चों के बैंक खातों में जमा करने का आश्वासन दिया। एसडीएम मनीष जेन को एक नई कमेटी गठन करने के निर्देश दिए। हालांकि, बच्चों ने शुरू में कमेटी के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। जिसके बाद कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को नई कमेटी बनाने की जिम्मेदारी सौंपी। समझाइश के बाद बच्चों को बस द्वारा डेलनपुर से सैलाना स्कूल भेजा।
