दल्लीराजहरा। शहर में गणेश चतुर्थी पर्व को लेकर उत्साह का माहौल दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है। त्योहार की तैयारियों के बीच अब गणेश प्रतिमाओं का निर्माण कार्य भी तेज़ी से गति पकड़ चुका है। दल्लीराजहरा शहर के विभिन्न हिस्सों में कारीगरों ने गणेश मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया है, जिनमें काली मिट्टी का उपयोग प्रमुखता से किया जा रहा है।
गणेश प्रतिमाओं के निर्माण कार्य में बाहर से आए कुशल कारीगर जुटे हुए हैं जो विभिन्न आकार और डिज़ाइन में छोटी-बड़ी आकर्षक मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि इस बार कारीगर पारंपरिक शैली के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल गणेश मूर्तियों पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं, जिससे नदी-नालों में प्रदूषण कम हो।

समिति स्तर पर भी गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। दल्लीराजहरा शहर की कई सामाजिक और सांस्कृतिक समितियों ने गणेश प्रतिमाओं के लिए एडवांस ऑर्डर देना शुरू कर दिया है। छोटी झांकियों से लेकर भव्य पंडालों तक के लिए मूर्तियों की मांग लगातार बढ़ रही है।
कारीगरों का कहना है कि इस बार गणेश चतुर्थी को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। वे हर दिन दर्जनों प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैं और फिर भी मांग पूरी कर पाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। व्यापारियों का मानना है कि इस बार गणेश उत्सव पहले की तुलना में अधिक भव्यता से मनाया जाएगा।
गणेश प्रतिमाओं की बढ़ती मांग न केवल कारीगरों के लिए आय का साधन बनी है, बल्कि शहर में सांस्कृतिक जागरूकता और धार्मिक सौहार्द्र का भी परिचायक बन रही है।
दल्लीराजहरा में गणेश चतुर्थी का उल्लास पहले से ही महसूस किया जा सकता है। जैसे-जैसे पर्व नज़दीक आ रहा है, शहर का माहौल गणेशमय होता जा रहा है। श्रद्धालु और आयोजन समितियां दोनों ही मिलकर इस पर्व को यादगार बनाने में जुटे हुए हैं।

