शैलेश शर्मा 9406308437नवभारत टाइम्स 24×7.in जिला ब्यूरो रायगढ़
रायगढ़।जशपुर जिले में पत्थलगांव का सरकारी अहाता शुरू से ही विवादों में रहा है। खुलने के बाद से यह जगह गंदगी, अव्यवस्था और सड़क पर अवैध पार्किंग की वजह से लगातार लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। हाल ही में एक पत्रकार द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद संचालक ने सोशल मीडिया में सफाई दी, लेकिन सवाल यह है कि इतनी शिकायतों के बावजूद आबकारी विभाग और नगर प्रशासन अब तक खामोश क्यों रहा?
सामने आए आठ गंभीर आरोप : स्थानीय लोगों और सूत्रों के मुताबिक अहाते में धांधली और मनमानी का खेल लंबे समय से चल रहा है। प्रमुख आरोप इस प्रकार हैं—
- अहाते में हर समय गंदगी और कचरे का अंबार।
- केवल पैकेज्ड खाद्य सामग्री बेचने की अनुमति होने के बावजूद खुलेआम चना, आमलेट, मांस और अन्य ताजा खाद्य सामग्री की बिक्री।
- पैकेज्ड आइटम्स को भी नियमित दर से दोगुनी कीमत पर बेचना।
- पानी की बोतल और सिगरेट पर भी मनमाने दाम वसूले जाना।
- ग्रीन नेट से बना हास्यास्पद और असुरक्षित “अजूबा” अहाता।
- पारदर्शी नेट की वजह से शराब पीने वालों की गोपनीयता भंग होना।
- बारिश में पानी टपकना और धूप में झुलसाने वाली गर्मी का सामना करना।
आबकारी विभाग और नगर प्रशासन की लापरवाही तथा संचालक की मनमानी के कारण सरकारी अहाते की दुर्दशा।
सबसे गंभीर आरोप: रात में शराब की काला-बाज़ारी – सूत्रों के मुताबिक रात 10 बजे के बाद जब सरकारी शराब दुकान बंद हो जाती है, तो अहाता संचालक मनमाने ढंग से दोगुने दामों पर शराब बेचता है। मजबूरी में लोगों को ऊंचे दाम पर शराब खरीदनी पड़ती है। यह न केवल उपभोक्ताओं का शोषण है बल्कि आबकारी नियमों की भी खुली धज्जियां उड़ाना है।
प्रशासन पर उठते सवाल – अब बड़ा सवाल यह है कि:
- क्या आबकारी विभाग और नगर प्रशासन इस पूरे खेल से अनजान है, या फिर मिलीभगत में शामिल है?
- आखिर कार्रवाई केवल तब ही क्यों होती है जब मीडिया इस तरह की अव्यवस्था पर सवाल उठाता है?

Author: Deepak Mittal
