Nepal Protest Update: नेपाल में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अब हालात नए मोड़ पर पहुंच गए हैं। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों से भड़की अशांति ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया, लेकिन हालात अभी भी शांत नहीं हुए हैं।इसी बीच, Nepal Protest ‘Gen Z’ प्रदर्शनकारियों ने देश के अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुषिला कार्की (Sushila Karki) का नाम आगे बढ़ाया है।
सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत जारी
द हिमालयन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ‘Gen Z’ प्रदर्शनकारियों ने सर्वसम्मति से सुषिला कार्की को अपना प्रतिनिधि चुना है। उनकी टीम की बातचीत नेपाल सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों से शुरू हो गई है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, यदि हालात आगे बढ़ते हैं तो वार्ता राष्ट्रपति कार्यालय शीतल निवास तक भी पहुंच सकती है।
कौन बनेगा नेपाल का नया पीएम?
काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह (बालेन शाह) ने भी सुषिला कार्की के नाम का समर्थन किया है, जिससे उनके पक्ष को और मजबूती मिली है। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि चर्चा में अन्य नाम भी शामिल हैं। पहले जहां पूर्व बिजली बोर्ड प्रमुख कुलमान घिसिंग का नाम आ रहा था, वहीं अब उनकी जगह धरान नगर पालिका के मेयर हरका साम्पांग पर भी विचार किया जा रहा है।
धीरे-धीरे लौट रही सामान्य स्थिति
अब नेपाल के कई इलाकों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। गुरुवार, 11 सितंबर को कुछ दुकानें सीमित समय के लिए खुलीं। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी भी हालात पूरी तरह स्थिर नहीं हैं और कर्फ्यू कब हटेगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है
बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें संक्रमणकालीन सरकार का नेतृत्व करने को कहा, लेकिन ओली अपने घर से फरार हो गए और उनकी मौजूदगी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
क्यों कार्की का नाम आगे आया?
प्रदर्शनकारी नेता रेहान राज डंगोल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी टीम ने सुषिला कार्की का नाम आगे रखा है। कार्की नेपाल की पहली और अब तक की एकमात्र महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं। उन्होंने 2016-2017 के दौरान पद संभाला था और उस दौरान वे जनता के बीच लोकप्रिय रहीं।
हालांकि, सभी प्रदर्शनकारी उनके नाम से सहमत नहीं हैं। सेना मुख्यालय के बाहर जुटे कुछ समूहों ने उन्हें “समझौता उम्मीदवार” बताते हुए विरोध भी जताया है। नेपाल के लिए अगला कदम बेहद अहम होगा।
एक ओर सेना और प्रदर्शनकारी किसी अंतरिम नेतृत्व पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर संसद और राजनीतिक दलों के बीच अविश्वास गहराता जा रहा है। यह देखना होगा कि क्या सुषिला कार्की वाकई अंतरिम प्रधानमंत्री बनकर नई दिशा दे पाती हैं या विरोध की लहर किसी और चेहरे को आगे लाती है।

Author: Deepak Mittal
