रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर को नमन करते हुए उन्हें “रामराज्य की साकार प्रतिमूर्ति” बताया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई न केवल इंदौर की महारानी थीं, बल्कि वे न्याय, प्रशासन और जनकल्याण के उच्च मानदंडों की प्रतीक रही हैं।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई के 300वीं जयंती वर्ष पर पूरे देश में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आयोजन हो रहे हैं। इसी कड़ी में रायपुर में आयोजित यह नाट्य मंचन उनका स्मरण मात्र नहीं, बल्कि नई पीढ़ी को उनके जीवन से जोड़ने का सेतु है।
उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण में कांची, उत्तर में बद्रीनाथ, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारका तक महारानी अहिल्याबाई के सेवा कार्य आज भी सजीव हैं। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कर हिंदू समाज की सांस्कृतिक अस्मिता को पुनः जाग्रत किया। यह कार्य उन्होंने तब किया जब औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़ा गया था और उस क्षति की पीड़ा पूरे राष्ट्र ने महसूस की थी।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव साय, अजय जामवाल, पवन साय, एवं अन्य जनप्रतिनिधि, सांसद व बड़ी संख्या में नागरिकगण मौजूद रहे।
इस अवसर पर विश्व मांगल्य सभा की मती निकिता ताई ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की और महारानी अहिल्याबाई के जीवन मूल्यों को विस्तार से रखा।
यह नाट्य प्रस्तुति महारानी अहिल्याबाई के सनातन धर्म, सेवा, नारी शक्ति और न्यायप्रियता को जन-जन तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम बनी।

Author: Deepak Mittal
