निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
मुंगेली- मुंगेली जिले में पुलिस द्वारा मई माह से शुरू की गई अभिनव पहल ‘पहल’ ने साइबर सुरक्षा, नशा मुक्ति और यातायात अनुशासन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल अपराधों में कमी आई है, बल्कि जनभागीदारी बढ़कर पुलिस का जनविश्वास भी गहरा हुआ है।

कार्यक्रम की रूपरेखा
‘पहल’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले के हर वर्ग तक सुरक्षा जागरूकता पहुंचाना है, जिसमें साइबर धोखाधड़ी से बचाव, नशे के खिलाफ संघर्ष और सड़क सुरक्षा शामिल हैं। मई माह से शुरू हुए इस अभियान ने ग्रामीणों, छात्रों और युवाओं को लक्षित करते हुए कई स्तरों पर काम किया:
शिक्षा संस्थानों में जागरूकता
कॉलेजों और स्कूलों के छात्र प्रतिनिधियों के सम्मेलन आयोजित किए गए। पहले चरण में व्यक्तिगत स्कूलों में, फिर ब्लॉक स्तर पर सभी प्रतिनिधियों के साथ साइबर सुरक्षा, नशा उन्मूलन और यातायात नियमों पर संदेश दिए गए।

ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण
रक्षित केंद्र मुंगेली में जिले के सभी ग्रामों के कोटवारों को तीन दिवसीय बैचों में प्रशिक्षित किया गया। इससे गांव-गांव तक जागरूकता के संदेश पहुंचे।
बीट सिस्टम का विस्तार
जिले को 148 बीट क्षेत्रों में विभाजित कर प्रत्येक थाना-चौकी के अंतर्गत पुलिस प्रभारियों की नियुक्ति की गई। हर बीट में प्रमुख व्यक्तियों को शामिल करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए, जहां सूचनाओं और जागरूकता संदेशों का आदान-प्रदान होता है।
चलित थाना अभियान

प्रमुख ग्रामों में ‘पहल’ के तहत चलित थाने लगाकर ग्रामीणों को साइबर, नशा और यातायात सुरक्षा के बारे में जानकारी दी गई।
नशा मुक्ति के लिए विशेष प्रयास
नशे के आदी युवाओं, खासकर नाबालिगों को उनके परिवारों के साथ सम्मेलनों में बुलाया गया। नशे के दुष्प्रभावों पर जागरूकता फैलाई गई, जिससे कई युवाओं में मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ और आत्मविश्वास बढ़ा।

कार्यक्रम की प्रमुख उपलब्धियां
‘पहल’ ने न केवल जागरूकता बढ़ाई, बल्कि अपराध नियंत्रण में ठोस परिणाम भी दिए हैं। यहां कुछ मुख्य उपलब्धियां हैं:
कोटवारों का प्रशिक्षण और सूचना तंत्र

सभी ग्राम कोटवारों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण देकर ग्राम स्तर पर मजबूत सूचना प्रणाली विकसित की गई। इससे अपराध नियंत्रण आसान हुआ और पुलिस पर जनता का भरोसा बढ़ा।
ग्रामीण पहुंच और त्वरित कार्रवाई
148 बीट सिस्टम से हर गांव पुलिस से सीधे जुड़ गया, जिससे शिकायतों का तुरंत समाधान संभव हुआ।
संपत्ति अपराधों में बरामदगी दर में वृद्धि
कार्यक्रम के प्रभाव से लूट, नकबजनी और चोरी के मामलों में सुधार दर्ज किया गया।
लूट के मामलों में:

2024 के 66.60% से बढ़कर 2025 में 68.57%।
नकबजनी में :2024 के 6.68% से 2025 में 59.20%।
साधारण चोरी में: 2024 के 54.85% से 2025 में 61.24%।
यह दर्शाता है कि पुलिस की दक्षता और जन सहयोग दोनों में सकारात्मक बदलाव आया है।
महिला एवं बाल अपराधों में कमी
कई महीनों में महिला और बाल अपराध घटी। अपहृत बच्चों की अधिकांश बरामदगी हुई और गुमशुदगी के मामले भी कम हुए।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी
यातायात जागरूकता से मई के अलावा हर माह दुर्घटनाओं और मृतकों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई।
नशा उन्मूलन में कार्रवाई
गांजा और ब्राउन शुगर के अवैध व्यापार पर सख्ती से युवाओं और किशोरों में नशे की लत घटी।
साइबर फ्रॉड में कमी
सरगांव थाना क्षेत्र में 15,000-35,000 रुपये की साइबर ठगी के मामलों में राशि होल्ड कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कुल साइबर ठगी राशि 2024 के ₹1,33,92,928 से घटकर 2025 में ₹1,18,12,551 रह गई।
यह पहल मुंगेली जिले को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है, जहां पुलिस और जनता का संयुक्त प्रयास अपराधमुक्त समाज की नींव रख रहा है।

Author: Deepak Mittal
