नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू ने इसकी घोषणा की। यह मोदी सरकार 3.0 का पहला संसद सत्र होगा, जो कई अहम मुद्दों और तीखी बहसों का गवाह बन सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष का हमला, सरकार ने किया विशेष सत्र से इनकार
विपक्ष ने भारत-पाक युद्ध में संघर्षविराम और राफेल के गिरने के मुद्दे पर विशेष सत्र की मांग की थी, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि वह नियमों के तहत ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है।
जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश होगा
सत्र के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा। सरकार इस पर पहले हफ्ते में ही कार्रवाई की तैयारी में है। प्रस्ताव पहले ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा जा चुका है।
हंगामेदार रहने के आसार
विपक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर स्पेशल सत्र की मांग नहीं मानी गई, तो मानसून सत्र में काफी हंगामा हो सकता है। हालांकि, सरकार की ओर से सभी दलों को साथ लेकर चलने और सकारात्मक चर्चा की अपील की गई है।
पिछले मानसून सत्र की झलक
2024 में हुए पिछले मानसून सत्र में 4 बिल पास हुए थे और संसद की प्रोडक्टिविटी 136% रही थी। बजट पर 27 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई थी।
इस बार भी सरकार और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस के आसार हैं, खासकर राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, न्यायपालिका और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर।
