डी पी मिश्रा, ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग, नव भारत टाइम्स 24×7
छत्तीसगढ़ के सभी आंगनबाड़ी केंद्र 8 नवंबर को रहेंगे बंद, केंद्र और राज्य सरकार का काम ठप्प।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ की प्रांतीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 8 नवंबर को सभी जिला मुख्यालयों में धरना, रैली, प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
यह कदम राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की लंबित समस्याओं और उनकी मांगों के समाधान के लिए उठाया गया है। इनकी मुख्य मांगों में जीने लायक वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी, समूह बीमा योजना जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ केंद्रों के संचालन में आ रही दैनंदिन समस्याओं का समाधान भी शामिल है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं विभागीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और जनता तक योजनाओं के लाभ पहुंचाने के काम में भी संलग्न हैं, लेकिन पर्याप्त सुविधा और प्रशिक्षण के अभाव के बावजूद, उन्हें मोबाइल और विभाग की अन्य आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करना पड़ रहा है।
इन कार्यकर्ताओं से विभागीय काम के अलावा बीएलओ, एनजीओ और अन्य विभागों का काम भी करवाया जा रहा है, जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव द्वारा समय-समय पर यह निर्देश दिया गया है कि उनसे अन्य कार्य न करवाए जाएं।
संयुक्त मंच की बैठक में कार्यकर्ताओं ने यह भी प्रश्न उठाया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ‘मानसेवी’ कहा जाता है, फिर ड्रेस न पहनने पर मानदेय काटा जाना कहां तक उचित है। जब ये कार्यकर्ता गांव की बेटियां और बहुएं हैं, जिन्हें सभी पहचानते हैं, तो उनके लिए ड्रेस की क्या आवश्यकता है? ड्रेस की जरूरत तो केवल उन सुपरवाइजरों को है जो महीने में कभी-कभी अलग-अलग गांवों में जाती हैं।
संयुक्त मंच ने बताया कि 20 सितंबर 2024 को विभागाध्यक्ष के साथ बैठक कर ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें मानदेय भुगतान में देरी, भ्रष्टाचार, सहायिकाओं को रिक्त कार्यकर्ता पद पर पदोन्नति में विसंगति, और मोबाइल-नेट सुविधा जैसी समस्याओं पर चर्चा की गई थी। परंतु जब इन पर कोई ठोस परिणाम नहीं आया, तो 19 अक्टूबर 2024 को रायपुर में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि 8 नवंबर 2024 को एक दिवसीय प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन और केंद्र बंद कर विरोध किया जाएगा।
इसमें प्रमुख मांगें 15 सूत्रीय मांग पत्र का निराकरण, सुमन यादव की बहाली, सुपरवाइजरों पर भी ड्रेस कोड लागू करना, और तीन वर्षों से एक स्थान पर कार्यरत अधिकारियों का स्थानांतरण शामिल हैं।
बैठक में प्रमुख रूप से श्रीमती रुक्मणी सज्जन, प्रांतीय अध्यक्ष बस्तर, श्रीमती सरिता पाठक, हेमाभारती, कल्पना चंद, पार्वती यादव, संतोषी वर्मा, पिंकी ठाकुर, लता तिवारी, सुधा रात्रे, जयश्री राजपूत, आर.पी. शर्मा, सौरभ यादव, विश्वजीत, देवेन्द्र पटेल समेत कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
(हस्ताक्षर और नाम)
