
बीजापुर : मानसून की दस्तक के साथ ही मलेरिया ने बीजापुर को अपनी जद में ले लिया है। दो बच्चों की मौत के बाद हरकत में आये स्वास्थ्य महकमें ने दो लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की है जिसमें 2071 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाये गये हैं
।ज्यादातर केस ग्रामीण इलाकों से मिल रहे हैँ, जहाँ कलेक्टर के निर्देश पर मेडिकल स्टॉफ जाँच और उपचार में जुटी हुई है। मेडिकल अमले ने पूरे जिले में मलेरिया रोधी अभियान के तहत स्कूल व आवासीय आश्रम और ग्रामीण इलाकों मे जाँच कर 2 लाख 20 हज़ार 14 सैंपल लिया है। जिसमें 2071 केस पॉजिटिव पाये गये हैँ। इनमें 1090 स्कूली व आवासीय विद्यालय के बच्चे व 981 ग्रामीण शामिल हैँ।
आरडीटी कीट से लिए जा रहे सैंपल सीएमएचओ डॉक्टर बीआर पुजारी ने बताया कि जिले में मलेरिया की जांच रेपिड डाइग्नोस्टिक टेस्ट किट से ब्लड सैंपल लेकर स्क्रीनिंग की जा रही है । विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में आरडीटी किट उप्लब्ध है।
जिससे जाँच मे फिलहाल समस्या नही है।उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 196028 ग्रामीणों का व 24076 स्कूल आवासीय आश्रमों के बच्चों का टेस्ट किया गया हैं। उन्होंने आगे बताया कि मलेरिया दवा का छिड़काव 77 फीसदी तक कर दिया हैं।
237 टीम कर रही जांच
सीएमएचओ डॉक्टर बीआर पुजारी मलेरिया मुक्त अभियान के तहत जिले में 2 लाख 84 हजार 28 ग्रामीणों के जांच का लक्ष्य रखा गया है।जिसमें 2 लाख 20 हजार 14 लोगों का सेम्पल ले लिया गया हैं। मलेरिया जांच के लिए जिले में कुल 237 स्वास्थ्य अमला की टीम लगी हुई है। इस टीम में 3 -3 सदस्य शामिल है, जो गांव गांव जाकर लोगों की मलेरिया जांच कर रहे हैं।
उसूर, गंगालूर और इंद्रावती नदी पार हाई रिस्क जोन
अब तक हुए स्क्रीनिंग मे मलेरिया के ज्यादातर केस बीजापुर ब्लॉक के गंगालूर, उसूर और भैरमगढ़ ब्लॉक के इंद्रावती नदी के पार बसे गाव मे मिले हैँ । दुरस्थ और दुर्गम इलाका होने से स्क्रीनिंग में स्वास्थ्य अमले को परेशानी भी उठाना पड़ रहा है।
