लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर प्रयागराज में एक अहम कैबिनेट बैठक करने जा रही है। इस बैठक में शामिल होने के लिए योगी सरकार के मंत्री प्रयागराज पहुंचना शुरू हो गए हैं।
सीएम योगी ने अपने मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को प्रयागराज बुलाया है।
अधिकारियों के अनुसार बुधवार को मुख्यमंत्री अपने सभी मंत्रियों के साथ संगम में स्नान कर यूपी के लोक कल्याण की कामना करेंगे। इसके बाद सीएम योगी प्रयागराज के परेड ग्राउंड स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) में कैबिनेट की बैठक कर प्रयागराज और वाराणसी समेत सात जिलों को मिलाकर धार्मिक क्षेत्र गठित करने के प्रस्ताव पर मोहर लगाएंगे।
इसके साथ ही इस कैबिनेट में संगम पर रोपवे बनाने तथा गंगा एक्सप्रेसवे से चित्रकूट एक्सप्रेसवे को जोड़ने और गन्ना मूल्य में इजाफा करने के प्रस्ताव पर भी सहमति जता सकते हैं।
बताया जा रहा है कि महाकुंभ की कैबिनेट के समक्ष रखे जाने वाले सभी प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने सीएम योगी के साथ विचार-विमर्श कर लिया है। कैबिनेट के समक्ष रखे जाने वाले नए धार्मिक क्षेत्र के गठन वाला प्रस्ताव नीति आयोग की संस्तुति पर तैयार किया गया है।
इसमें प्रयागराज और वाराणसी को मिलाकर नया धार्मिक नगरी बनाने का सुझाव दिया गया है. इसमें एनसीआर की तर्ज पर प्रयागराज और वाराणसी के अलावा चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर तथा भदोही को मिलकर के नया धार्मिक क्षेत्र गठित किया जाना है।
इसे पूरे क्षेत्र को मिलाकर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जिसका कुल क्षेत्रफल 22 हजार किमी होगा। सरकार का मानना है कि इसके गठन से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ क्षेत्र विकास और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के अवसरों में इजाफा होगा।
यह सब ध्यान में रखते हुए ही सीएम योगी ने महाकुंभ के दौरान इस कैबिनेट को करने के लिए सीएम योगी ने 22 जनवरी के स्पेशल दिन को चुना है।
इसलिए 22 जनवरी को हो रही है कैबिनेट :
यह भी कहा जा रहा है कि पिछले साल 22 जनवरी को ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ था, जिसके चलते 22 जनवरी का दिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।
गत दिनों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 22 जनवरी के महत्व का उल्लेख करते हुए यह कहा था कि देश को सच्ची आजादी 22 जनवरी 2024 को मिली थी क्योंकि इस दिन अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था। उनके इस कथन के बाद सीएम योगी ने प्रयागराज में इस 22 जनवरी को कैबिनेट बैठक करने का फैसला किया।
ऐसा नहीं है कि प्रयागराज में सीएम योगी पहली बार कैबिनेट बैठक कर रहे हैं. इसके पहले 29 जनवरी 2019 को भी उन्होने यहां हुए अर्धकुंभ के दौरान कैबिनेट बैठक की थी। इस कैबिनेट में मेरठ से इलाहाबाद तक के लंबे गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण करने का फैसला लिया गया था।
12 जिलों को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे 594 किमी लंबा है। इस महाकुंभ के शुरू होने के पहले गंगा एक्सप्रेस वे को शुरू जाने की बात तब कैबिनेट के बाद कही गई थी, लेकिन अभी तक यह एक्सप्रेस वे पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हो सका है।
कहा जा रहा है कि इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस साल यह शुरू जो जाएगा। अब रही बार इस धार्मिक स्थल में कैबिनेट बैठक करने का तो योगी सरकार के आने के बाद से ही प्रदेश में प्रत्येक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन पर उस जिले में कैबिनेट बैठक के आयोजन का सिलसिला शुरू हुआ है।
जिसके चलते काशी विश्वनाथ धाम में 16 दिसंबर 2021 को कैबिनेट बैठक की गई थी। इसके बाद अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 9 नवंबर 2023 को कैबिनेट बैठक हुई थी। इसी क्रम में अब 22 जनवरी को कैबिनेट बैठक हो रही है। इस बैठक में शामिल होने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद और कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल नंदी प्रयागराज पहुंच गए हैं। कई और मंत्री लखनऊ से प्रयागराज जाने के लिए देर रात निकलेंगे।
