जे के मिश्र
ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के अंतर्गत कोरबा जिले के चार प्रमुख कोयला क्षेत्रों—कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा और दीपका—के अधिकारियों का एक साथ तबादला कर दिया गया है। यह फेरबदल ऐसे समय में किया गया है जब इन क्षेत्रों में कोयला और डीजल चोरी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
कोरबा क्षेत्र के महाप्रबंधक दीपक पंड्या और कुसमुंडा क्षेत्र के महाप्रबंधक राजीव सिंह को स्थानांतरित कर दिया गया है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से गेवरा के मुख्य महाप्रबंधक एस.के. मोहंती और दीपका के जीएम तबादले की सूची में शामिल नहीं किए गए हैं, जबकि इन दोनों क्षेत्रों पर सबसे अधिक अनियमितताओं और चोरी के आरोप लगते रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि गेवरा क्षेत्र के सीजीएम एस.के. मोहंती कुछ ही महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि सेवानिवृत्ति से पहले किसी बड़े निर्णय या लेन-देन की संभावनाओं को लेकर सतर्कता बरतना जरूरी था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि नए सीएमडी गिरीश दुहान भी अपने पूर्ववर्ती के कार्यशैली को ही आगे बढ़ाते दिख रहे हैं, जिससे मोहंती को राहत मिलती नजर आ रही है।
गौरतलब है कि गेवरा और दीपका क्षेत्रों को पहले से ही कोल और फ्यूल चोरी के मामलों में सबसे अधिक विवादित माना जाता रहा है। इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों का नाम तबादला सूची में शामिल न होना, कहीं न कहीं अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़ा कर रहा है।
अब देखना यह होगा कि क्या SECL मुख्यालय इन क्षेत्रों में चल रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है या फिर यह तबादले की प्रक्रिया महज औपचारिकता बनकर रह जाती है।
