Kolkata Protests: कोलकाता में फिर सड़कों पर उतरे डॉक्टर, संदीप घोष को जमानत मिलने पर विरोध प्रदर्शन

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Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी में स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के तत्कालीन प्रभारी अभिजीत मंडल को जमानत मिलने के बाद कोलकाता में नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।

दोनों प्रमुख संदिग्धों को जमानत मिलने के एक दिन बाद जूनियर डॉक्टर्स, नर्सों, वामपंथी दलों और कांग्रेस ने शनिवार (14 दिसंबर) को कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामले में न्याय दिलाने में “विफल” रहा है।विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के बीच “मौन सहमति” है।

कांग्रेस ने दक्षिणी कोलकाता के रवींद्र सदन क्षेत्र से निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय तक रैली निकाली और मामले में दो आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने में कथित रूप से असमर्थ रहने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी की आलोचना की।रैली के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के झंडे लेकर ‘हम न्याय मांगते हैं’ जैसे नारे लगा रहे थे। पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निजाम पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया, जिसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई।’वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ (WBJDF) द्वारा करुणामयी से लेकर साल्ट लेक क्षेत्र में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय तक आयोजित एक रैली में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें एक किलोमीटर की दूरी तय की गई।

ज्यूनियर डॉक्टरों के मंच ने 9 अगस्त को डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सभी “षड्यंत्रकारियों” के खिलाफ सीबीआई द्वारा आरोप तय करने में देरी” के विरोध में मार्च का आयोजन किया था। मृतक डॉक्टर के माता-पिता भी रैली में शामिल हुए। मृतक डॉक्टर की मां ने कहा, “हम न्याय के लिए लड़ेंगे और यह हमारा अधिकार है।”

एसयूसीआई कार्यकर्ताओं ने साल्ट लेक स्थित करुणामयी से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक मार्च निकाला। जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा एसएफआई ने शहर के उत्तरी हिस्से में कॉलेज स्ट्रीट इलाके में एक रैली निकाली।

कोलकाता की सियालदह अदालत ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में जमानत दे दी थी। सीबीआई द्वारा अनिवार्य 90 दिन की अवधि के भीतर उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने में “विफल” रहने के बाद उन्हें जमानत दी गई थी।

 

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मंडल के वकील ने अदालत के बाहर कहा कि उनका मुवक्किल न्यायिक हिरासत में सुधार गृह में है जहां से वह बाहर आएंगे। घोष बलात्कार-हत्या के मामले में जमानत मिलने के बावजूद सलाखों के पीछे ही रहेंगे क्योंकि वह आर जी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

 

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Author: Deepak Mittal

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