रायपुर/इंदौर, 29 जुलाई 2025 |
छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का दो दिवसीय मध्यप्रदेश प्रवास एक साधारण सरकारी दौरा नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सामाजिक सेवा का जीवंत संगम साबित हुआ। इस दौरे ने दिखाया कि एक जनप्रतिनिधि केवल योजनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि संवेदनाओं से जुड़ा मार्गदर्शक भी हो सकता है।
🔱 ओंकारेश्वर से उज्जैन तक – भक्ति की शक्ति
खंडवा में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर विधिवत पूजा-अर्चना कर मंत्री राजवाड़े ने प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद महेश्वर घाट व मंदिर पहुंचकर देवी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत को नमन किया।
दूसरे दिन महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में भस्म आरती में शामिल होकर छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए आशीर्वाद लिया। कालभैरव मंदिर में पूजा करते हुए उन्होंने राज्य की सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
🏛️ इतिहास से मिली प्रेरणा
इंदौर के ऐतिहासिक राजबाड़ा में अहिल्याबाई होल्कर के जीवन दर्शन से रूबरू होते हुए मंत्री ने कहा –
“आज की महिलाएं भी नेतृत्व कर रही हैं, और इस बदलाव की प्रेरणा हमें इतिहास से ही मिलती है।”
🌈 दिव्यांग बच्चों के बीच उम्मीद की किरण
इंदौर में मंत्री राजवाड़े ने दृष्टिबाधित बच्चों के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम में हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने न केवल बच्चों के आत्मविश्वास की तारीफ की बल्कि संस्थाओं से अपील की कि ऐसे प्रशिक्षण और व्यापक हों ताकि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भरता के साथ सम्मानजनक रोजगार मिल सके।
✨ यात्रा का सार – आध्यात्मिक ऊर्जा से सामाजिक चेतना तक
मंत्री राजवाड़े ने कहा,
“मध्यप्रदेश की भूमि सिर्फ धार्मिक स्थलों के लिए नहीं जानी जाती, बल्कि इसकी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सोच बेहद प्रेरणादायक है। इस प्रवास ने मुझे नई ऊर्जा और संकल्प दिए हैं।”
