जे के मिश्र / बिलासपुर के तोरवा थाना क्षेत्र में मारपीट की एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार को तोरवा पुल के नीचे स्थित लकड़ी टाल के पास कुछ असामाजिक तत्वों ने नंद कुमार पटेल और उसके दोस्त पर जानलेवा हमला किया। इस मारपीट में युवकों को गंभीर चोटें आईं और उनके सिर पर गहरी चोट लगने की वजह से खून भी बहा। घायल युवकों ने तत्काल इस घटना की शिकायत तोरवा थाने में दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने FIR तो दर्ज कर ली, लेकिन अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है।
FIR के बाद भी आरोपियों ने दी दबंगई दिखाने की धमकी
इस घटना के बाद पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद थी, लेकिन रविवार को आरोपियों ने एक बार फिर घायल युवकों को समझौते के बहाने बुलाकर उन पर फिर से हमला कर दिया। इससे साफ होता है कि अपराधियों में पुलिस का डर नहीं है। FIR दर्ज हुए 24 घंटे से भी ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से वे अब भी बेखौफ घूम रहे हैं और लगातार अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस की नाकामी पर उठ रहे सवाल
जहां एक ओर जिले के एसपी अपराध को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तोरवा पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है। लगातार बढ़ती मारपीट की घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि क्या अब इस इलाके में पुलिस का डर खत्म हो गया है? जब अपराधी खुलेआम एक ही पीड़ित पर दो बार हमला कर सकते हैं, तो आम जनता की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजमी है।

Author: Deepak Mittal
