कर्नाटक के गडग जिले में सनसनीखेज मर्डर केस सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया है. इस वारदात में एक युवक ने अपनी प्रेमिका की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि वह उस पर शादी का दबाव बना रही थी.
हत्या के बाद उसने शव को नाले के किनारे दफना दिया. इसके बाद पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच से इस पूरे मामले का खुलासा हो गया. पुलिस का कहना है कि छह महीने पहले आरोपी ने लड़की की हत्या की थी.
जानकारी के अनुसार, घटना की शुरुआत दिसंबर 2024 से होती है, जब नारायणपुरा गांव की रहने वाली मधुश्री अंगड़ी अपने रिश्तेदारों के घर से अचानक लापता हो गई थी. परिजनों ने शुरू में सोचा कि शायद वह प्रेमी के साथ चली गई हो, लेकिन जब एक महीने तक कोई सुराग नहीं मिला तो 12 जनवरी 2025 को बटगेरी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो शक की सुई सीधे मधुश्री के प्रेमी सतीश हीरेमठ की ओर घूमी. दोनों पिछले छह सालों से रिलेशनशिप में थे. लोगों को इनके प्रेम संबंध की जानकारी थी.
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि 16 दिसंबर की रात मधुश्री अपने रिश्तेदारों के घर से निकली थी. उसी रात वह सतीश के संपर्क में थी. सतीश ने शुरू में पुलिस को यह कहकर गुमराह करने की कोशिश की कि उसने मधुश्री को गांव की सीमा पर छोड़ दिया था. इसके बाद उसे नहीं पता वह कहां गई, लेकिन पुलिस को तकनीकी जांच के दौरान मधुश्री के मोबाइल की आखिरी लोकेशन ऐसी जगह पर मिली जो सतीश की बताई कहानी से मेल नहीं खा रही थी. यहीं से जांच की दिशा बदली और पुलिस ने सतीश से दोबारा सख्ती से पूछताछ शुरू की.
पूछताछ के दौरान जब पुलिस ने लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड्स के आधार पर सवाल किए तो सतीश टूट गया और उसने जो कहानी बयां की, वह चौंकाने वाली थी. उसने कबूल किया कि वह मधुश्री से नाराज था, क्योंकि वह शादी के लिए लगातार दबाव बना रही थी. उस रात जब वह दोनों एक फार्महाउस में मिले, तो मधुश्री ने फिर से शादी की बात छेड़ी. गुस्से में आकर सतीश ने उसका गला दुपट्टे से घोंट दिया और हत्या के बाद शव को पास ही एक सुनसान जगह पर ले जाकर नाले के किनारे गड्ढा खोदकर दफना दिया. उसने इस पूरी साजिश को ऐसे अंजाम दिया था कि किसी को शक न हो.
हत्या के बाद सतीश ने अपनी सामान्य दिनचर्या जारी रखी. वह पेट्रोल पंप पर काम करता रहा और समय-समय पर घटनास्थल पर जाकर शव के अवशेषों को दूसरी जगह फैलाने की कोशिश करता रहा, ताकि पहचान न हो सके. उसने यह भी सोचा था कि जब तक शव नहीं मिलेगा, तब तक पुलिस या परिवार को हत्या की भनक तक नहीं लगेगी, लेकिन अपराध के निशान मिटाना इतना आसान नहीं होता.
पुलिस अधीक्षक बीएस नेमगौड़ा के मुताबिक, शुरुआत में यही लगा कि दोनों प्रेमी-प्रेमिका भाग गए हैं और कुछ दिन में संपर्क में आ जाएंगे, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया और न कोई कॉल, न कोई ट्रांजैक्शन या लोकेशन अपडेट मिला, वैसे-वैसे पुलिस को शक होने लगा. जब सतीश की कहानी के विरोधाभास सामने आने लगे और तकनीकी साक्ष्य उसकी बात को झुठलाने लगे, तो पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की और आखिरकार उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटनास्थल से कंकाल के कुछ अवशेष बरामद किए हैं, हालांकि मधुश्री की खोपड़ी अब तक नहीं मिल पाई है. मामले की फोरेंसिक जांच जारी है और पुलिस ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उसे रिमांड पर लेकर आगे की जांच की तैयारी की जा रही है.
