मोदी सरकार के सोमवार यानी 9 जून को 11 साल हो रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत बदल रहा है और यह तेजी से बदल रहा है. लोगों का आत्मविश्वास, सरकार पर उनका भरोसा और एक नया भारत बनाने की प्रतिबद्धता हर जगह दिखाई दे रही है.
साल 2014 से भारत की कल्याणकारी संरचना अंत्योदय, देश के हर व्यक्ति का उत्थान और विकास सुनिश्चित करने के सिद्धांत से निर्देशित रही है. इस दर्शन ने समावेशी सशक्तिकरण के निर्णायक बदलाव, जिसमें सरकार ने प्रत्येक प्रमुख योजना में 100 फीसदी संतृप्ति का लक्ष्य रखा है, को रूप दिया है.
पिछले ग्यारह वर्षों में करोड़ों वंचित परिवारों को पहली बार नल का पानी, बिजली, शौचालय, आवास, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन, बीमा और डिजिटल सेवाओं जैसी आवश्यक सुविधाएं प्राप्त हुई हैं. इन लक्षित समावेशी प्रयासों ने मापने योग्य परिणाम दिए हैं. हाल ही में आईएमएफ के एक कार्य पत्र ने भारत में अत्यधिक गरीबी को प्रभावी ढंग से समाप्त करने का श्रेय भारत सरकार को दिया.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी 2023 वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) ने भारत में बहुआयामी गरीबी के सभी दस संकेतकों में उल्लेखनीय गिरावट की पुष्टि की. ये उपलब्धियां शासन के एक नए युग को दर्शाती हैं, जो समानता पर आधारित है, आंकड़ों द्वारा पुष्ट हैं और हर नागरिक की सेवा करने के संकल्प द्वारा संचालित है.
गरीबी से लड़ने में भारत की जीत
भारत ने गरीबी के खिलाफ अपनी लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जो सबसे कमजोर लोगों के उत्थान के लिए उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. विश्व बैंक के स्प्रिंग 2025 गरीबी और समानता ब्रीफ के अनुसार, देश ने पिछले दशक में 171 मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है. प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन करने वाली आबादी का हिस्सा तेजी से गिरा है, जो 2011-12 में 16.2% से 2022-23 में केवल 2.3% रह गया.
निम्न-मध्यम आय वाले देशों के लिए प्रतिदिन 3.65 डॉलर के बेंचमार्क पर, गरीबी 61.8% से घटकर 28.1% हो गई, जिसका अर्थ है कि 378 मिलियन लोग इस रेखा से ऊपर चले गए. इसके अलावा, भारत का बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई), जो स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर सहित आय से परे के अभावों को दर्शाता है – 2005-06 में 53.8% से घटकर 2019-21 में 16.4% हो गया. ये उपलब्धियां लाखों लोगों के जीवन में रूपांतरण को दर्शाती हैं और गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की सेवा करने के भारत के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है.
पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने किए ये बड़े काम
- 15.59 करोड़ ग्रामीण घरों में अब नल का पानी कनेक्शन है; 8 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 100% हर घर जल.
- लगभग 4 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं; पीएमएवाई-यू के तहत 92.35 लाख घर सौंपे गए, जिनमें से 90 लाख से ज़्यादा महिलाओं के घर हैं.
- सौभाग्य के तहत 2.86 करोड़ घरों में बिजली पहुंची, ग्रामीण इलाकों में औसतन 22.6 घंटे बिजली आपूर्ति.
- स्वच्छ भारत मिशन: 12 करोड़ घरेलू शौचालय बनाए गए, 5.64 लाख गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया.
- आयुष्मान भारत: 55 करोड़ लोगों को कवर करता है, आयुष्मान वय वंदना के तहत 70+ आयु वर्ग के सभी नागरिकों को लाभ दिया गया.
- 81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन, 2028 तक 11.80 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय.
- पीएम उज्ज्वला योजना के तहत 10.33 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए.
- पीएम स्वनिधि के तहत स्ट्रीट वेंडरों को 68 लाख ऋण; 76.28 लाख विक्रेताओं को औपचारिक रूप दिया गया.
- 1.57 लाख स्टार्टअप को मान्यता दी गई; 118 यूनिकॉर्न.
- पीएम विश्वकर्मा में 2.37 मिलियन कारीगर पंजीकृत हैं.
- ई-श्रम पोर्टल: 30.86 करोड़ असंगठित श्रमिक पंजीकृत, 53.75% महिलाएं.
- कल्याणकारी योजनाओं की संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा 2.6 लाख ग्राम पंचायतों, 4,000 यूएलबी तक पहुंची.
