नई दिल्ली।
भारत का चाय उद्योग न केवल देश की सुगंधित पहचान है, बल्कि लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी का जरिया भी है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि संगठित क्षेत्र में भारतीय चाय उद्योग करीब 12 लाख लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से लगभग 58% महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब इस क्षेत्र के विकास की मुख्य अगुवा बन रही हैं।
गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:
“महिलाएं भारत के चाय क्षेत्र के विकास का नेतृत्व कर रही हैं। हमारा देश अपनी सुगंधित चाय और निर्यात वृद्धि के साथ वैश्विक पहचान बना रहा है।”
चाय निर्यात में जबरदस्त उछाल
डीजीसीआईएस (DGCI&S) के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में भारत ने 263 मिलियन किलोग्राम चाय का निर्यात किया, जिसकी कुल कीमत 7,818 करोड़ रुपए रही। यह मात्रा मूल्य के लिहाज से 0.92 बिलियन डॉलर के आसपास है, जो बीते वर्ष की तुलना में 10.8% अधिक है।
दस साल का रिकॉर्ड टूटा
भारतीय चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में भले ही वैश्विक बाजार में भूराजनीतिक तनाव रहे हों, फिर भी भारत का चाय निर्यात 255 मिलियन किलोग्राम तक पहुंच गया — जो पिछले 10 वर्षों का उच्चतम स्तर है।
भारत यूएई, इराक, ईरान, रूस, अमेरिका और यूके जैसे 25 से अधिक देशों में चाय का निर्यात करता है, और वह दुनिया के शीर्ष 5 चाय निर्यातकों में से एक है।
असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी की चाय की वैश्विक पहचान
भारत की प्रसिद्ध चायों में असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी की चाय शामिल हैं, जो स्वाद, सुगंध और गुणवत्ता के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं।
निर्यात में सबसे अधिक हिस्सा ब्लैक टी का है, जो कुल निर्यात का लगभग 96% है। इसके अलावा, ग्रीन टी, हर्बल टी, मसाला टी और लेमन टी भी निर्यात की जाती हैं।
देशभर के चाय उत्पादक क्षेत्र:
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असम घाटी और कछार – असम के प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्र
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दार्जिलिंग, दोआर्स, तराई – पश्चिम बंगाल के मुख्य चाय क्षेत्र
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तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक – दक्षिण भारत से आता है कुल उत्पादन का 17%
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छोटे चाय उत्पादक – लगभग 2.3 लाख छोटे किसान जुड़े हैं इस सप्लाई चेन से
