ED की रेड, 650 करोड़ की ठगी और सीमा-सचिन का नाम…मिले चौंकाने वाले सुराग

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देश में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें सीमा हैदर और उसके पति सचिन का नाम भी घोटालेबाजों ने इस्तेमाल किया है। इन दोनों के नाम और फोटो का सहारा लेकर कुछ आरोपियों ने 650 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाला अंजाम दिया।

अब इस मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मोर्चा संभाल लिया है और देश के कई राज्यों में एक साथ छापेमारी की है।

ED की कार्रवाई दिल्ली, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में फैली हुई है। जांच एजेंसी के मुताबिक यह कार्रवाई उन लोगों और कंपनियों के खिलाफ हो रही है, जिन्होंने बिना असली व्यापार के फर्जी कंपनियां खड़ी कीं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकार से टैक्स रिफंड हासिल किया। यह पूरा खेल पेपरों पर घूमा, लेकिन रकम असली थी – और वह भी सैकड़ों करोड़ की।

ED को शुरुआती सुराग अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से मिले। यहां की जोनल टीम ने तड़के करीब 5 बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू किया और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत कब्जे में लिए हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि यह सिर्फ टैक्स चोरी का मामला नहीं है, बल्कि इन पैसों का इस्तेमाल हवाला और दूसरे अवैध कारोबारों में भी किया गया है।

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिन लोगों ने फर्जीवाड़ा किया, उन्होंने सीमा हैदर और उसके पति सचिन के नाम और पहचान का भी दुरुपयोग किया। दरअसल, दरभंगा (बिहार) के रहने वाले दो चार्टर्ड अकाउंटेंट भाइयों – आशुतोष झा और विपिन झा – पर आरोप है कि उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के एक व्यापारी के साथ मिलकर यह सारा घोटाला रचा।

बताया जा रहा है कि इन दोनों ने ‘सिद्धिविनायक ट्रेड मर्चेंट’ नाम की एक फर्जी कंपनी बनाई और उसके दस्तावेजों में सीमा और सचिन की तस्वीरें व नाम लगाए गए। इसी फर्जी कंपनी के जरिए 99 करोड़ से ज्यादा का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर लिया गया। मामले का खुलासा होते ही स्थानीय पुलिस ने FIR दर्ज की और फिर यह जांच ईडी के पास पहुंच गई।

अब ED इस घोटाले से जुड़े हर पहलू की पड़ताल कर रही है। जल्द ही आरोपियों से पूछताछ शुरू होगी और यह तय माना जा रहा है कि आगे भी कई बड़े नाम इस जांच में सामने आ सकते हैं। सीमा हैदर और सचिन इस केस में पीड़ित हैं या किसी तरह से शामिल थे, यह भी जांच का अहम हिस्सा है।

फिलहाल ED की कार्रवाई जारी है और एजेंसी ने संकेत दिया है कि यह घोटाला 650 करोड़ से भी बड़ा हो सकता है। कई शैल कंपनियां और हवाला नेटवर्क इसमें शामिल बताए जा रहे हैं, जिनके तार देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े हैं।

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Author: Deepak Mittal

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