सरकारी नौकरी के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी, दुर्ग पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
खाद निरीक्षक और अन्य पदों पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर लोगों से ठगे लाखों रुपये, मुख्य आरोपी मनोज साहू सहित चार गिरफ्तार
दुर्ग। सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। दुर्ग पुलिस ने इस जालसाजी में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। आरोपी खाद निरीक्षक, पर्यवेक्षक और चपरासी जैसे पदों के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर लोगों को झांसे में ले रहे थे।
यह मामला तब सामने आया जब दीपेश कुमार निषाद (26 वर्ष) निवासी महमरा ने 2 अक्टूबर 2025 को थाना पुलगांव (अंजोरा) में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि मनोज साहू, अपने साथियों मुकेश वर्मा और रजत वर्मा के साथ मिलकर उनसे सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ₹4 लाख की मांग की। आरोपियों ने दो लाख रुपए नगद और शेष राशि ऑनलाइन माध्यम से ली तथा फर्जी नियुक्ति पत्र व्हाट्सएप पर भेजकर विश्वास दिलाया कि नौकरी सुनिश्चित है।
पुलिस जांच और कार्रवाई
शिकायत के बाद थाना पुलगांव में अपराध क्रमांक 420/2025 के तहत धारा 420, 467, 468, 471 और 34 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर के निर्देशन में जांच शुरू की गई। तकनीकी साक्ष्यों और पूछताछ के आधार पर पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में लिया।
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने कई लोगों से सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी की थी। उन्होंने स्वयं को सरकारी एजेंसी के अधिकारी बताकर लोगों का विश्वास जीता और फर्जी नियुक्ति आदेश देकर उनसे रकम वसूली।
गिरोह का खुलासा और जब्ती
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से फर्जी नियुक्ति पत्र, दस्तावेज और मोबाइल फोन जब्त किए।
जांच में पता चला कि मनोज कुमार साहू इस गिरोह का मास्टरमाइंड था, जिसने पूरी जालसाजी की रूपरेखा तैयार की।
रजत वर्मा और मुकेश वर्मा ने मोबाइल और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से लोगों को भ्रमित किया, जबकि महेश हिरावं, जो एक टाइपिंग सेंटर संचालक है, ने फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर गिरोह को सहयोग दिया।
गिरफ्तार आरोपी
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मनोज कुमार साहू (40 वर्ष) – निवासी अंजोरा, पुलगांव
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रजत वर्मा (25 वर्ष) – निवासी भिलाई नगर
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मुकेश वर्मा (53 वर्ष) – निवासी भिलाई नगर
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महेश हिरावं (63 वर्ष) – निवासी हरिनगर, मोहन नगर
पुलिस की चेतावनी
एसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और विभिन्न पदों के नाम पर बड़ी रकम वसूल चुका है। पुलिस को संदेह है कि अभी और भी कई पीड़ित सामने आ सकते हैं, जिसके लिए जांच जारी है।
उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी सरकारी नौकरी के नाम पर पैसा देने से पहले सत्यापन अवश्य करें।
राठौर ने कहा — “सरकारी भर्ती की कोई भी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है, इसलिए किसी निजी व्यक्ति या एजेंट के झांसे में न आएं। ऐसे मामलों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।”

Author: Deepak Mittal
