रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने ड्रग्स कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 1.15 करोड़ रुपए की संपत्ति को फ्रीज किया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने नशे के कारोबार से अर्जित धन से जमीन खरीदी, ढाबा बनवाया और तहखाना बनाकर वहां ड्रग्स छिपाकर रखा था। मामले में सफेमा (SAFEMA) विशेष न्यायालय ने पुलिस की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए संपत्तियों को फ्रीज करने के आदेश दिए हैं।
ड्रग्स से कमाई, ढाबा खोल तहखाना बनाया
बिलासपुर पुलिस के अनुसार आरोपी श्याम श्रीवास और उसकी पत्नी सरोज श्रीवास ने नशे के अवैध व्यापार से भारी कमाई की और उससे ग्राम पांड में 20 डिसमिल कृषि भूमि, उस पर बना ढाबा, और अन्य कई वस्तुएं खरीदीं। पुलिस जांच में पता चला कि ढाबे में एक तहखाना बनाकर ड्रग्स को वहां छिपाकर रखा जाता था।
फ्रीज की गई संपत्ति में क्या-क्या शामिल
पुलिस ने जिन संपत्तियों को फ्रीज किया है, उनमें शामिल हैं:
-
ग्राम पांड की 20 डिसमिल कृषि भूमि
-
उस पर बना पक्का ढाबा भवन
-
दो आइसक्रीम व कोल्ड ड्रिंक फ्रीजर
-
टीवी, तीन कूलर
-
6 सीटों वाला सोफा सेट
-
वाटर प्यूरिफायर
-
एक चिड़ीमार बंदूक
इन सभी संपत्तियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्त कर सफेमा कोर्ट को पुष्टि के लिए भेजा गया है।
आपराधिक पृष्ठभूमि
सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि आरोपी दंपति के खिलाफ पूर्व में भी एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। दोनों आरोपी पहले जेल जा चुके हैं और लंबे समय से संगठित रूप से नशे का कारोबार चला रहे थे।
बड़ी कार्रवाई की तैयारी में पुलिस
एसएसपी रजनीश सिंह के नेतृत्व में चलाए जा रहे ‘चेतना विरुद्ध नशा’ अभियान के तहत यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। बिलासपुर पुलिस अब तक कुल 15 आरोपियों की 5.5 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को सफेमा कोर्ट को भेज चुकी है। इनमें से 13 मामलों में संपत्ति फ्रीज करने की पुष्टि हो चुकी है।
