कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न
स्वास्थ्य सेवाओं में प्रगति लाने एवं मरीजों के बेहतर ईलाज के दिए निर्देश
निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
मुंगेली- जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, योजनाओं के क्रियान्वयन एवं अभियान की प्रगति की समीक्षा हेतु आज कलेक्टर कुन्दन कुमार की अध्यक्षता में जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने आधार बेस्ड एड्रेसिंग की स्थिति, नेक्स्टजेन पोर्टल के माध्यम से ओपीडी पंजीयन, मेडिकल लीगल एविडेंस एंड पेसेंट रिपोर्टिंग की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मरीजों की सटीक पहचान और सेवाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु आधार आधारित पहचान प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। उन्होंने अस्पतालों में डिजिटल पंजीयन प्रक्रिया को नियमित और सुलभ बनाने, मरीजों के लिए पर्याप्त बेड की व्यवस्था के साथ ही सभी स्वास्थ्य सूचकांकों पर बेहतर प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब, गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य उपचार एवं देखभाल पुण्य का कार्य है। अस्पताल आने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
कलेक्टर ने कानूनी प्रक्रियाओं से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग एवं दस्तावेजीकरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंनेे राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक प्रमाणीकरण, आयुष्मान भारत योजना, क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत जिला अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को एनक्यूएएस मानकों के अनुरूप प्रमाणित कराने की दिशा में की गई प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर ने एस.डी.एम. को प्रत्येक पखवाड़े में स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास की बैठक लेने निर्देशित किया। उन्होंने आयुष्मान कार्ड, आयुष्मान वय वंदना कार्ड के वितरण एवं लाभार्थियों की सेवा उपलब्धता की स्थिति का जानकारी ली और 15 जुलाई तक घर-घर जाकर 01 लाख आयुष्मान कार्ड के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने टीबी मरीजों की पहचान, उपचार व पोषण सहायता वितरण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय सिकल सेल एनिमिया मिशन अंतर्गत सिकल सेल रोग की स्क्रीनिंग, पहचान एवं उपचार की प्रगति, स्टॉप डायरिया अभियान पर चर्चा करते हुए मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु किए गए प्रबंधों की समीक्षा करते हुए दवाओं की उपलब्धता व प्रचार-प्रसार को तेज करने को कहा। उन्होंने गर्भवती महिलाओं एवं नवजातों की देखभाल संबंधी सेवाओं की जानकारी लेते हुए हाई रिस्क प्रेगनेंसी की समय पर पहचान कर माइक्रो प्लान बनाने तथा देखभाल सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया और सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत प्रसव दर को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत गतिविधियों की स्थिति और बच्चों की स्वास्थ्य जांच, गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं कैंसर जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग व जागरूकता अभियान आदि की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की योजनाएं सीधे जनता से जुड़ी होती हैं, अतः इनका क्रियान्वयन प्राथमिकता के आधार पर प्रभावी रूप से किया जाए।
कलेक्टर ने 0-5 वर्ष के बच्चों में टीकाकरण की स्थिति एवं छूटे हुए बच्चों की सूची तैयार कर विशेष अभियान चलाने, गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्रों की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए आवश्यक सुधार करने कहा। उन्होंने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान स्कूलों एवं आंगनबाड़ियों के माध्यम से बच्चों को कृमिनाशक दवा दिए जाने की तैयारी की जानकारी ली। कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारियों को फील्ड में लगातार निगरानी, योजनाओं का सतत मूल्यांकन और समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंभीर कुपोषित बच्चों तथा आर.बी.एस. अंतर्गत बच्चों बेहतर ईलाज दिलाने के लिए कार्य करें। कलेक्टर ने जिला अस्पताल के व्यवस्थाओं के संबंध में भी जानकारी ली और मरीजों के बेहतर इलाज करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शीला साहा, डीपीएम गिरीश कुर्रे, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम. के. राय, विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभारी अधिकारी, बीएमओ, सुपरवाईजर्स एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
