क्या एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 में पायलट ने हड़बड़ी में चालू इंजन को कर दिया था बंद? प्लेन क्रैश की असली वजह

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Deepak Mittal


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ir India Flight Investigation:
 गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 की दोपहर को एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे की असली वजह क्या है? अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही क्रैश क्यों हो गई?

पायलट सुमित सभरवाल के सामने ऐसी क्या आपात स्थिति आ गई थी कि उन्हें ATC को आखिरी मैसेज MAYDAY भेजना पड़ा था? ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद हर कोई इन सारे सवालों के जवाब जानना चाहता है।

Ahmedabad Plane Crash Total 275 People Died: अहमदाबाद विमान हादसे में 275 की मौत

अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसा 2025 में 14 जून तक कुल 275 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें प्लेन में बैठे 241 लोग (229 पैसेंजर, 2 पायलट व 10 क्रू मेंबर) शामिल थे। मरने वालों में शेष 34 वे एमबीबीएस स्टूडेंट व डॉक्टर थे, जिनके बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की मैस व अस्पताल की बिल्डिंग पर यह विमान क्रैश हुआ था। विमान में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी थे। उनका भी निधन हो गया। पूरे हादसे में विमान की सीट 11A पर बैठा सिर्फ एक यात्री विश्वास रमेश कुमार चमत्कारिक ढंग से जिंदा बचा है।

6. खराब इंजन को तुरंत करना था बंद

एक्सपर्ट्स की मानें तो पायलटों को प्रशिक्षण में यही सिखाया जाता है कि अगर प्लेन का एक इंजन खराब हो जाए, तो उसे तुरंत बंद कर देना चाहिए ताकि पूरे प्लेन के बाकी सिस्टम पर उस खराब इंजन की वजह से कोई दिक्कत न आए और प्लेन को दूसरे इंजन के भरोसे चलाया जा सके।

7. प्लेन का इंजन कैसे बंद होता है?

हर प्लेन के कॉकपिट में दोनों इंजन के लिए दो लीवर होते हैं, जिनसे इंजन ऑन-ऑफ होते हैं। उड़ते प्लेन में कोई एक इंजन फेल होने पर पायलट उस इंजन का लीवर खींचकर उसे बंद कर देता है और दूसरे इंजन का लीवर खींचकर उसे चालू कर लेता है। लीवर खींचकर इंजन को बंद करने का मतलब होता है कि अब उस इंजन में फ्यूल की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो जाती है। वह इंजन किसी काम का नहीं रहता।

8. पायलट ने गलती से चालू इंजन को कर दिया बंद

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अहमदाबाद विमान हादसे में शायद यही हुआ होगा कि पायलट को लेफ्ट साइड का इंजन बंद करना था, लेकिन हड़बड़ी में गलती से उसने राइट साइड का वह इंजन बंद कर दिया जो चालू था और उसी के भरोसे प्लेन को लैंड करवाना था। यह मानवीय गलती इसलिए भी संभव है कि विमान की ऊंचाई महज 425 फीट थी, ऐसे में पायलट को सोचने-समझने के लिए चंद सेकंड का ही वक्त मिला। पायलट को संभलने का मौका ही नहीं मिला, क्योंकि एक इंजन का फेल होना, ऊंचाई बहुत ज्यादा न होना – ऐसी स्थिति में अनुभवी पायलट भी अक्सर घबरा जाते हैं।

9. चालू इंजन बंद हुआ तो तुरंत ऑन कर लेते

अब सवाल उठता है कि आखिर गलती से चालू इंजन बंद हो गया, तो उसे तुरंत ऑन करके प्लेन को क्रैश होने से बचाया जा सकता था? इस सवाल का जवाब यह है कि प्लेन का इंजन एक बार बंद करने के बाद उसे दोबारा चालू करने में थोड़ा वक्त लगता है, मगर अहमदाबाद विमान हादसे के केस में पायलट को सेकंडों का ही वक्त मिला था, जो काफी नहीं था। इसीलिए एक इंजन पहले से खराब और फिर गलती से दूसरा इंजन भी बंद हुआ, तो प्लेन तेजी से नीचे की ओर आ गया। 

10. पायलट का आखिरी मैसेज

मुंबई के पवई के जलवायु विहार के रहने वाले पायलट सुमित सभरवाल ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) को आखिरी मैसेज भेजा था – “मेडे (MAYDAY), मेडे, मेडे… थ्रस्ट नहीं मिल रहा। पावर कम हो रही है, प्लेन उठ नहीं रहा। नहीं बचेंगे।”

Black box DFDR CVR India lab: दिल्ली में ब्लैक बॉक्स लैब शुरू

12 जून 2025 को अहमदाबाद में क्रैश विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है। ब्लैक बॉक्स में पायलट के बीच बातचीत, ATC से संपर्क और विमान के तकनीकी पहलुओं का रिकॉर्ड रहता है। विमान हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स की मदद से क्रैश की वजह का पता लगाया जा सकता है।

इधर, 14 जून 2025 को दिल्ली स्थित उड़ान भवन में एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) में अत्याधुनिक डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर लैब (DFDR & CVR Lab) शुरू की गई, जिसे ब्लैक बॉक्स लैब भी कहा जा रहा है। 9 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई भारत की पहली ब्लैक बॉक्स लैब का उद्घाटन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राम मोहन नायडू ने किया है।

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Author: Deepak Mittal

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