बीएसपी प्रबंधन की लापरवाही से शहर में घुला आयरन ओर, पहली बारिश ने खोली विकास की पोल
दीपक मित्तल प्रधान संपादक छत्तीसगढ़
दल्लीराजहरा। एक ओर जहां प्रदेश भर में बारिश से लोगों को राहत मिल रही है, वहीं दल्लीराजहरा में झमाझम बारिश ने संकट का नया चेहरा दिखा दिया है। पहली ही बारिश में बीएसपी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही पूरी तरह उजागर हो गई है।
शहर के विभिन्न खदानों से आयरन ओर बहकर सीधे शहर की बस्तियों में घुस आया है। नालों का पानी लाल हो गया है, गलियों में लाल कीचड़ बह रही है, और यह पानी अब घरों, निचली बस्तियों, यहां तक कि खेतों तक पहुँच चुका है। पीने और निस्तारी के पानी में अब आयरन घुल चुका है, जिससे स्थानीय लोग त्वचा रोग, पेट की बीमारियों और संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बीएसपी, जो पूरे क्षेत्र के खनिज संसाधनों का दोहन करती है, उसने शहर की जल निकासी व्यवस्था को लेकर कोई स्थायी योजना नहीं बनाई है। वर्षों से विकास के नाम पर करोड़ों खर्च हो रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि 25 किलोमीटर के दायरे में बसे क्षेत्रों के लिए बीएसपी और नगर पालिका की ओर से कोई असरदार उपाय नहीं किया गया।

लाल पानी से आसपास के खेत बंजर हो गए हैं, किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है और ग्रामीणों की जिंदगी नरक बनती जा रही है। सवाल उठता है कि क्या बीएसपी केवल खनन करेगी और पर्यावरण व नागरिकों की सुरक्षा से मुंह मोड़ती रहेगी?
स्थानीय लोगों का आक्रोश अब फूटने लगा है। प्रशासन को चेतावनी दी जा रही है कि यदि समय रहते जल निकासी व प्रदूषण रोकने के उपाय नहीं किए गए, तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
निष्कर्ष:
दल्लीराजहरा की हालत फिलहाल किसी खनिज श्मशान से कम नहीं। लाल पानी का यह संकट अब केवल स्वास्थ्य या पर्यावरण का मुद्दा नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता का जीता-जागता उदाहरण बन चुका है।

“बीएसपी प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही से दल्लीराजहरा अब लाल पानी का शहर बन गया है। ये विकास है या विनाश?” एक स्थानीय बुजुर्ग का सवाल, जो पूरे शहर की पीड़ा बयां करता है।
दल्लीराजहरा शहरवासी आगामी दिनों में बीएसपी प्रबंधन के अलावा स्थानीय प्रशासन के खिलाफ में उग्र और बड़ा आंदोलन कर सकती है इस तरह के संकेत मिलने लगे हैं,,
क्या कहते हैं बीएसपी अधिकारी,,,
बीएसपी महाप्रबंधक आर बी गहरवाल कहते हैं कि सीएसआर के तहत दल्लीराजहरा शहर केज्ञअलावा आसपास ग्रामीण क्षेत्र में भी वे स्वास्थ्य, शिक्षा और जल संरक्षण पर काम कर रहे हैं,हैं आगे भी करते रहेंगे !
