शहर में बिना मानकों के चल रहे हैं कोचिंग सेंटर..

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

जे के मिश्र : बिलासपुर: शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कई कोचिंग सेंटर हाई कोर्ट रोड और दयालबंद रोड पर संचालित हो रहे हैं, लेकिन ये ज्यादातर कोचिंग सेंटर आवश्यक मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। अधिकांश कोचिंग सेंटरों में कई खामियां देखने को मिल रही हैं, जिनमें सबसे बड़ी समस्या बच्चों को पूरी तरह बंद कमरे में पढ़ाने की है।

कोचिंग संचालकों का कहना है कि बंद कमरे में पढ़ाई से बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है, लेकिन आपातकालीन स्थिति में इन बंद कमरों से बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है, जिससे गंभीर दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इस समस्या पर ध्यान न देना बेहद खतरनाक हो सकता है।

शहर के हाई कोर्ट रोड और दयालबंद रोड पर छोटे से लेकर बड़े आकार के कोचिंग सेंटर मौजूद हैं, जो छोटे कमरों से लेकर बड़े हॉल तक में चलाए जा रहे हैं। इन कोचिंग सेंटरों में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों की भीड़ रहती है और उनसे मोटी फीस वसूली जाती है।

कोचिंग सेंटर चलाने वालों को इससे काफी मुनाफा होता है, लेकिन ये सेंटर अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च करने से बचते हैं, जिसके चलते ज्यादातर कोचिंग सेंटर सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं होते हैं।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी
कोचिंग सेंटरों में फायर सेफ्टी, आपातकालीन निकास द्वार, और यदि कोचिंग बहुमंजिला इमारत में है तो लिफ्ट और चौड़ी सीढ़ी का होना अनिवार्य होता है। लेकिन अधिकतर कोचिंग सेंटर इन मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं।

पार्किंग की व्यवस्था, संकरी गलियों और छोटे कमरों में ठूंसकर बच्चों को पढ़ाना, प्रशासन से कोचिंग सेंटर की अनुमति न लेना जैसी कई कमियां इन कोचिंग सेंटरों में देखने को मिल रही हैं।

निरीक्षण में मिली खामियां
नईदुनिया की टीम ने शनिवार को शहर के कुछ कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण किया। टीम ने दयालबंद स्थित ड्रीम दर्शन कोचिंग सेंटर के भवन का दौरा किया, जहां छोटे-छोटे कमरों में कई कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे थे।

यहां पार्किंग की सुविधा नहीं थी और सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं मिले। बच्चों को छोटे-छोटे बंद कमरों में पढ़ाया जा रहा था, जो सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं था।

बाहरी चमक-धमक, अंदर की खामियां
दयालबंद रोड पर स्थित इवा अकादमी एंड लाइब्रेरी, लक्ष्य लाइब्रेरी और अन्य कोचिंग सेंटर भी बाहर से देखने में सर्वसुविधायुक्त लगते हैं, लेकिन अंदर जाने पर सुरक्षा की खामियां सामने आती हैं। अन्य कोचिंग सेंटरों की तरह यहां भी सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे और पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी।

10 दिन में सुधार के निर्देश
दो दिन पहले ही कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम पीयूष तिवारी, नगर निगम और पुलिस की टीम ने कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान चार कोचिंग संस्थानों को सील किया गया।

एसडीएम पीयूष तिवारी ने शहर में संचालित सभी कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर मानकों के अनुरूप व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद दोबारा कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण किया जाएगा और अगर खामियां पाई गईं, तो उन्हें सील कर दिया जाएगा।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment