पहली बार प्लेन में बैठे नक्सल इलाके के बच्चे, देखेंगे आजादी का महापर्व, सीएम साय से करेंगे मुलाकात..

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(जे के मिश्र) : छत्तीसगढ़ राज्य के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर के बच्चे पहली बार रायपुर आए हैं।

बीजापुर से रायपुर तक का सफर बच्चों के जीवन का सबसे यादगार अनुभव बन गया है।

बीजापुर से रायपुर तक का यह सफर बच्चों के लिए एक सपने के पूरा होने जैसा है। यह बच्चे जगदलपुर से रायपुर तक फ्लाइट से आए हैं।

ये सभी बच्चे पहली बार विमान में बैठे थे। विमान में बैठने के बाद बच्चों ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह हमारा सपना था… हम बहुत उत्साहित हैं।”

बच्चों का सपना हुआ पूरा
बच्चों का यह सपना आज पूरा हो गया है। अब सभी बच्चे रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करेंगे।

रायपुर में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होकर वे आजादी का महापर्व अपनी आंखों से देखेंगे।

9वीं और 11वीं कक्षा के 100 बच्चे बैठे विमान में
बीजापुर जिले में माओवादी आतंक का खौफ सबसे अधिक है। सभी बच्चे बेहद खुशी के साथ एयरपोर्ट पहुंचे, उनकी आंखों में एक नए युग की चमक दिखाई दी।

कक्षा 9वीं और 11वीं के 100 मेधावी बच्चों को इस हवाई यात्रा के लिए जिला प्रशासन द्वारा चुना गया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ये बच्चे राज्यपाल और मुख्यमंत्री निवास, पुरखौती मुक्तांगन, मंत्रालय, ऊर्जा पार्क, शॉपिंग मॉल आदि स्थानों पर जाएंगे।

पहली बार विमान में और पहली बार रायपुर की सैर
बच्चों ने बताया कि वे पहली बार विमान में बैठे हैं। यह किसी सपने जैसा लग रहा है। पिछले परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को यह मौका मिला है।

ये सभी बच्चे बीजापुर से रायपुर जाकर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे और आजादी के महापर्व का साक्षी बनेंगे। बच्चों ने कहा कि हममें से बहुत सारे ऐसे हैं जो पहली बार रायपुर जा रहे हैं। हम सब कुछ देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं।

बच्चों की बनेगी अलग पहचान
बीजापुर के कलेक्टर अनुराग पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार आया है।

राज्य शासन के प्रयासों से बंद पड़े स्कूल खोले जा रहे हैं। हजारों बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाया जा रहा है। सुदूर अंचल के 24 बंद स्कूलों को इसी सत्र में वापस खोला गया है। अब बीजापुर जिला नक्सलवाद के आतंक से नहीं, बल्कि इन होनहार बच्चों से पहचाना जाएगा।

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Author: Deepak Mittal

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