बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं, शिक्षक, माता-पिता एवं समाज अपने साधना एवं श्रम से इन्हें मनचाहे आकार दे सकते हैं : कलेक्टर दिव्या मिश्रा

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पीएमश्री स्कूल जगतरा में ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम में शामिल होकर अध्ययन-अध्यापन की बारिकियों से अवगत कराया


बचपन से ही बच्चों में अच्छे आदतों और समझ के विकास पर दिया गया जोर

बालोद: कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि हमारे नन्हें-मुन्हें बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं। शिक्षक, माता-पिता एवं समाज कुशल कारीगर की भांति अपने साधना और श्रम से इन्हें मनचाहे आकार दे सकते हैं।
कलेक्टर मिश्रा आज बालोद विकासखंड के पीएमश्री स्कूल जगतरा में आयोजित ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम में शामिल होकर अपने विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों को अध्ययन-अध्यापन की विभिन्न बारिकियों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि बच्चों के ज्ञानवर्धन के साथ-साथ उनमें बचपन से ही अच्छे आदतों और समझ का विकास भी आवश्यक है। जीवन में सफलता पाने के लिए शिक्षा और ज्ञान के साथ अनुशासन और अच्छा चरित्र भी जरूरी है।
मिश्रा ने कहा कि नैतिक शिक्षा, संस्कार और मानवीय मूल्यों की समझ बच्चों में प्रारंभ से ही विकसित करनी चाहिए।

इसके लिए उन्होंने पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों के संरक्षण, पौधारोपण, जल संरक्षण और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग जैसे कार्यों के प्रति बच्चों को प्रेरित करने की बात कही। साथ ही बड़े-बुजुर्गों के प्रति आदर और संवेदनशीलता जैसे गुणों का भी बचपन से ही विकास आवश्यक बताया।

कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और स्कूलों में संसाधनों की उपलब्धता केवल शिक्षकों या शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें माता-पिता, जनप्रतिनिधि और समाज के सभी वर्गों की सहभागिता जरूरी है।
उन्होंने शाला परिसर में बच्चों के साथ पौधारोपण किया और उनके संरक्षण के उपायों की बात कही।

कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर ने कक्षा पहली में प्रवेश लेने आए दिव्यांग छात्र राहुल धनकर के समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश समग्र शिक्षा विभाग के सहायक परियोजना अधिकारी को दिए।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी पी.सी. मरकले, सहायक परियोजना अधिकारी अनुराग त्रिवेदी, सरपंच मंगल सिंह मण्डावी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी, उनके माता-पिता एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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Author: Deepak Mittal

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