छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले के मामले में राज्य सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंबी पूछताछ के बाद सौम्या चौरसिया को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उन्हें 2 जनवरी 2026 तक जेल भेजने के आदेश दिए।
इसी क्रम में कोर्ट ने ईडी के तर्कों को स्वीकार करते हुए निरंजन दास को तीन दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया है। ईडी अधिकारियों के अनुसार, निरंजन दास से पूछताछ जोनल कार्यालय में की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, सौम्या चौरसिया के बयान में यह खुलासा हुआ है कि शराब नीति में बदलाव और नियमों में संशोधन में निरंजन दास की अहम भूमिका रही है। ईडी का दावा है कि पूरा घोटाला एक संगठित सिंडीकेट द्वारा योजनाबद्ध तरीके से संचालित किया गया, जिसमें अवैध रूप से अर्जित रकम को शामिल लोगों के बीच बांटा जाता था।
ईडी ने बताया कि सौम्या चौरसिया के बयान और उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर अब मामले से जुड़े अन्य अधिकारियों और संचालकों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है। जांच एजेंसी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि किस तरह नीति में बदलाव कर सिस्टम का दुरुपयोग निजी लाभ के लिए किया गया।
ईडी ने अदालत को यह भी अवगत कराया कि घोटाले में शामिल कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और सिंडीकेट के सदस्यों की जानकारी अभी जुटाई जा रही है और आने वाले दिनों में जांच का दायरा और बढ़ सकता है।
Author: Deepak Mittal










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