रायगढ़ में जारी 40वें चक्रधर समारोह के दूसरे दिन देशभर के विख्यात कलाकारों ने अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह में शास्त्रीय गायन, भारतनाट्यम, कथक, ओडिसी और लोकगायन की विविध छटा बिखरी।

दिल्ली से आए प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित उदय कुमार मल्लिक ने दरभंगा घराने की परंपरा से जुड़ी ध्रुपद शैली का अनुपम गायन प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उनकी मधुर और गूंजती तान ने संगीत प्रेमियों को रसविभोर कर दिया। भिलाई की नृत्यांगना एवं भरतनाट्यम गुरु डॉ. राखी रॉय और उनकी टीम ने भरतनाट्यम की पारंपरिक गरिमा, गहन अभिव्यक्ति और अद्भुत लय-ताल का संगम प्रस्तुत किया। भगवान शिव के नटराज स्वरूप, अर्धनारीश्वर और मां जननी पर आधारित उनकी रचनाओं ने दर्शकों का मन मोह लिया।

बिलासपुर की प्रख्यात कथक नृत्यांगना श्रीमती प्रियंका सलूजा की भाव-भंगिमाएं, लय-ताल की सटीकता और भावपूर्ण अभिव्यक्ति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकसंगीत की धारा को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय लोकगायक श्री सुनील मानिकपुरी ने छत्तीसगढ़ी और झारखंडी लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। रायगढ़ की युवा नृत्यांगना सुश्री राजनंदनी पटनायक और उनकी साथी पूनम गुप्ता ने ओडिसी नृत्य की भावपूर्ण और आकर्षक प्रस्तुति दी। वहीं रायगढ़ की कथक नृत्यांगना पूजा जैन और उनकी टीम ने जयपुर घराने के तोड़े-टुकड़े, लखनऊ घराने का तराना और ठुमरी प्रस्तुत कर वातावरण को सुरमय बना दिया।

Author: Deepak Mittal










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