कपालभाति: स्वास्थ्य और आत्मशक्ति का संजीवनी स्रोत

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Deepak Mittal

योग गुरु रश्मि शुक्ला, आस्था योगपीठ, मीनाक्षी नगर, दुर्ग

कपालभाति एक प्राचीन योगिक श्वास तकनीक है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “खोपड़ी को प्रकाशित करना”। यह प्राणायाम का एक रूप है जिसमें तेज गति से श्वास छोड़ना और फिर स्वाभाविक रूप से श्वास लेना शामिल होता है।

कपालभाति करने की विधि:

  1. आसन: पद्मासन या सुखासन में रीढ़ सीधी रखकर बैठें।
  2. हाथों की मुद्रा: ज्ञान मुद्रा या चित्त मुद्रा में रखें।
  3. श्वास प्रक्रिया:

पेट को भीतर खींचते हुए ज़ोर से श्वास छोड़ें।

पेट ढीला छोड़कर स्वाभाविक रूप से श्वास लें।

  1. दोहराव: इस क्रिया को धीरे-धीरे गति बढ़ाते हुए नियमित रूप से दोहराएं।

कपालभाति के प्रमुख लाभ:

पाचन तंत्र में सुधार

वजन घटाने में सहायक

तनाव व चिंता में राहत

चेहरे पर तेज और रक्तसंचार में सुधार

फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाता है

मधुमेह, थायरॉयड जैसी बीमारियों में उपयोगी

सावधानियां:

यह अभ्यास खाली पेट करें।

गर्भवती महिलाएं, हृदय रोगी, और उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति अभ्यास से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें।

यदि सांस की समस्या हो, तो यह अभ्यास न करें।

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Author: Deepak Mittal

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