India Russia foreign Ministers Meeting: BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव(Sergei lavrov) के बीच अहम मुलाकात हुई।
यह बैठक विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के शीर्ष कूटनीतिज्ञों के बीच पहली औपचारिक बातचीत थी।
बैठक संक्षिप्त रही लेकिन इसके दायरे में कई महत्वपूर्ण विषय शामिल रहे द्विपक्षीय सहयोग, पश्चिम एशिया की मौजूदा स्थिति, BRICS की भूमिका और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस संबंध में जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि उन्होंने रूस के विदेश मंत्री के साथ सार्थक संवाद किया।
जयशंकर और सर्गेई लावरोव ने क्या कहा?
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने इस मुलाकात को लेकर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, BRICS 2025 के इतर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर अच्छा लगा। आपसी सहयोग, पश्चिम एशिया, BRICS और SCO पर चर्चा हुई।
वहीं रूस के विदेश मंत्रालय ने भी एक्स पर जानकारी दी, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने रियो डी जनेरियो में 6 जुलाई को 17वें BRICS शिखर सम्मेलन के इतर बैठक की।
भारत दौरे पर आएंगे पुतिन
गौरतलब है कि लावरोव की जून में भारत यात्रा प्रस्तावित थी, जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की संभावित भारत यात्रा की तैयारियों के तहत होनी थी, लेकिन समय की अनुकूलता न होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली मुलाकात
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब BRICS देशों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले की तीव्र निंदा की है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया गया।
रूस ने न केवल इस आतंकी हमले की खुलकर निंदा की, बल्कि भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का दृढ़ समर्थन भी जताया। मास्को की यह सहानुभूतिपूर्ण और सहयोगी भूमिका मई में उस समय फिर स्पष्ट हुई, जब DMK सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी संसद (फेडरेशन काउंसिल) की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के वरिष्ठ सदस्य एंड्रे डेनिसोव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया।
