नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के आम बजट को लेकर तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को जाने-माने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ आगामी बजट (Budget 2025) पर उनके विचार और सुझाव जानने के लिए बैठक का आयोजन किया है। पीएम मोदी ने देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ बजट से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की। आर्थिक विकास को गति देने से लेकर आम लोगों से जुड़े विषयों पर अर्थशास्त्रियों व विशेषज्ञों के सुझावों को लिया है।
अर्थशात्रियों और विशेषज्ञों से मांगे सुझाव आगामी बजट में केंद्र सरकार का पूरा ध्यान देश के आर्थिक विकास को गति देने और मध्य वर्ग पर रहेगा। ऐसे में बैठक के अंदर अर्थशात्रियों और विशेषज्ञों के सुझाव लिए गए है। उनसे जाना गया कि किस तरह से आर्थिक विकास को गति दे सकते हैं। बजट में ऐसे क्या प्रावधान किए जाने की जरूरत है, जिससे आर्थिक विकास को गति मिले। मालूम हो कि, बीती तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर (सकल घरेलू उत्पाद) 5.4 प्रतिशत रही है। हालांकि इसके पीछे आम चुनाव और मानसून जैसे प्रमुख कारण जिम्मेदार है लेकिन सरकार आर्थिक विकास को लेकर गंभीर है।
1 फरवरी को पेश होगा आम बजट लोकसभा में 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आगामी वित्त वर्ष का आम बजट पेश करेंगी। उससे पहले सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों से सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। इस बैठक में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी (Suman Beri), नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रमण्यम (BVR Subramaniam), मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन (Anant Nageshwaran), अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला (Surjit Bhalla), डीके जोशी (DK Joshi) सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल हुए है। यह बैठक आगामी बजट के संदर्भ में आर्थिक विशेषज्ञों के विचार एवं सुझाव जानने के लिए आयोजित की गई। सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी।
वित्त मंत्री 30 दिसंबर तक करेंगी बैठक बजट-पूर्व परामर्श की शुरुआत इस महीने की 6 तारीख को चुकी है। प्रधानमंत्री की बैठक से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री 3 बैठकें कर चुकी, जिसमें अर्थशास्त्री, किसान संगठन व कृषि अर्थशास्त्री और एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि और विशेषज्ञ शामिल हुए है। अभी बैठकों का दौर 30 दिसंबर तक चलना है, जिसमें वित्त मंत्री व्यापार और सेवा, व्यापार संगठन, वित्तीय क्षेत्र और कैपिटल गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और अर्बन क्षेत्र, उद्योग और स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ एवं प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह बैठकें 26,27,28 और 30 दिसंबर को होंगी।

Author: Deepak Mittal
