बस्तर। बस्तर में इस बार पत्रकार की हत्या ना तो पुलिस की गोली से हुई है और ना ही माओवादियों ने गला रेता है। इस बार बस्तर में भ्रष्टाचार से सराबोर ठेकेदार ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर तस्वीरों से विचलित हो सकते हैं। माओवादियों के ठिकाने से सीआरपीएफ के जवान को बचाकर लाने वाले पत्रकार साथी की हत्या सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार की पोल खुलने के कारण कर दी गई है।
बस्तर संभाग के कोंटा थाने में बीते बरस चार पत्रकारों को फर्जी गांजा तस्करी केस में फसा दिया गया था। फिलहाल पत्रकार ज़मानत में हैं और हर सप्ताह थाने में उपस्थिति दर्ज कराने जाते हैं। अब बस नए साल की शुरुआत हुई और पहली ही तारीख़ को बीजापुर जिले के एनडीटीवी के पत्रकार को ठेकेदार ने मारकर अपने सैप्टिक टैंक में डाल दिया। आज देर शाम पुलिस ने शव निकाला है।
बता दें कि पुलिस द्वारा किए गए पंचनामे में पत्रकार मुकेश चंद्राकर के शव पर कई जगहों पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं। उनके सिर पर सात जगह नुकीले हथियार से वार के निशान पाए गए, जबकि माथे पर कुल्हाड़ी से वार के निशान मिले हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि उनकी हत्या गला घोंटकर की गई है। जानकारी के अनुसार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के भाई को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया है, वहीं अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे है।
