कृष्ण योग : जीवन को संतुलित करने की अद्भुत साधना

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भगवान श्रीकृष्ण को योग का महान आचार्य माना जाता है। श्रीमद्भगवद्गीता में उन्होंने जो योग सिद्धांत बताए हैं, वे आज भी प्रासंगिक हैं। कृष्ण योग, जिसे कर्म योग भी कहा जाता है, का सार है– कर्म करते हुए भी ईश्वर से जुड़े रहना और फल की इच्छा का त्याग करना।

कृष्ण योग के मुख्य पहलू इस प्रकार हैं

कर्म योग : निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्यों का पालन करना।

समत्व बुद्धि योग : सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय में समान दृष्टि रखना।

ध्यान योग : मन को एकाग्र कर ईश्वर का ध्यान करना।

भक्ति योग : प्रेम और समर्पण के साथ प्रभु की आराधना करना।

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Author: Deepak Mittal

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