नई दिल्ली: खेल जगत में भारत के लिए यह गर्व का विषय नहीं बल्कि चिंता का संकेत है। विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में कुल 260 एथलीट डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए, जिससे यह लगातार तीसरे साल दुनिया में सबसे अधिक डोपिंग मामलों वाला देश बन गया।
विश्व स्तर पर तुलना:
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चीन: 24,214 टेस्ट, 43 पॉजिटिव
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जर्मनी: 15,081 टेस्ट, 54 पॉजिटिव
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फ्रांस: 11,744 टेस्ट, 91 पॉजिटिव
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रूस: 10,514 टेस्ट, 76 पॉजिटिव
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इटली: 9,304 टेस्ट, 85 पॉजिटिव
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यूके: 8,273 टेस्ट, 30 पॉजिटिव
भारत में स्थिति:
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कुल टेस्ट: 7,113 (यूरिन और ब्लड सैंपल)
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पॉजिटिव मामले: 260
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पॉजिटिविटी रेशियो: 3.6% (विश्व में सबसे अधिक)
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2023 में भी भारत शीर्ष पर था, तब 213 पॉजिटिव मामले सामने आए थे।
खेलों में डोपिंग का वितरण:
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एथलेटिक्स (Track & Field): 76 मामले
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वेटलिफ्टिंग: 43 मामले
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कुश्ती: 29 मामले
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अन्य खेलों में भी डोपिंग के मामले दर्ज हुए।
प्रमुख उदाहरण:
दिसंबर में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में कुछ इवेंट्स में केवल एक ही एथलीट स्टार्टिंग लाइन पर मौजूद था, जिससे संदेह जताया गया कि बाकी खिलाड़ी एंटी-डोपिंग अधिकारियों की उपस्थिति के डर से मैदान छोड़कर चले गए।
NADA की प्रतिक्रिया:
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नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने कहा कि पॉजिटिव मामलों में वृद्धि चिंताजनक है, लेकिन यह टेस्टिंग और निगरानी बढ़ने का भी नतीजा है।
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2019 में भारत में कुल टेस्ट: 4,004, जो 2024 में बढ़कर 7,113 हो गए।
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पॉजिटिविटी रेट 5.6% से घटकर 3.6% हुआ।
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इसका मतलब यह है कि अधिक टेस्टिंग और निगरानी से वास्तविक डोपिंग मामलों की पहचान बेहतर हो रही है।
Author: Deepak Mittal










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