हिड़मा के एनकाउंटर के बाद कमजोर हुई माओवाद की सबसे खतरनाक विंग, सुकमा में बनाया जा रहा सुरक्षित कॉरिडोर
जगदलपुर: बस्तर में नक्सल संगठन को एक और बड़ा झटका लग सकता है। नक्सलियों की सबसे खतरनाक PLGA बटालियन नंबर 1 का कमांडर बारसे देवा जल्द ही सरेंडर कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, देवा के जंगल से बाहर आने के लिए सुकमा क्षेत्र में सुरक्षित कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है। यदि देवा आत्मसमर्पण करता है, तो माओवादियों की सबसे घातक मिलिट्री विंग लगभग समाप्त मानी जाएगी।
हिड़मा के एनकाउंटर के बाद बिखर रहा नक्सल नेटवर्क
गौरतलब है कि 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सितारामा राजू जिले में नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य माड़वी हिड़मा का एनकाउंटर हुआ था। हिड़मा की मौत के बाद बस्तर में नक्सल संगठन की रीढ़ टूट गई है।
हिड़मा वह प्रमुख कड़ी था जो माओवादी कमांड स्ट्रक्चर को बस्तर से जोड़कर रखता था। उसकी मौत के बाद संगठन में नेतृत्व संकट गहरा गया है।
हिड़मा का करीबी, उसी के गांव का रहने वाला था देवा
हिड़मा और बारसे देवा दोनों सुकमा जिले के पूवर्ती गांव के रहने वाले हैं। करीब दो वर्ष पहले जब हिड़मा को केंद्रीय समिति में पदोन्नत किया गया, तो उसने ही बारसे देवा को PLGA बटालियन-1 का कमांडर नियुक्त किया था।
देवा लंबे समय से हिड़मा का सबसे भरोसेमंद साथी माना जाता रहा है।
बटालियन-1 टूटने की कगार पर
देवा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में नक्सली सक्रिय थे, लेकिन बीते कुछ महीनों से पुलिस के बढ़ते दबाव, सर्च ऑपरेशन और लगातार हो रहे एनकाउंटर के चलते बटालियन लगभग बिखर चुकी है।
अब देवा भी आत्मसमर्पण के लिए तैयार बताया जा रहा है, जिससे नक्सलियों का मजबूत नेटवर्क और कमजोर होगा।
Author: Deepak Mittal









